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________________ 65. जो भिक्षु अपने बढ़े हुए भौहों के केशों को काटता है या सुधारता-संवारता है अथवा ऐसा करने वाले का समर्थन करता है । 66. जो भिक्षु अपने बढ़े हुए मस्तक के केशों को काटता है या सुधारता-संवारता है अथवा ऐसा करने वाले का समर्थन करता है। ( उसे लघुमासिक प्रायश्चित्त आता है ।) 64. The ascetic who cuts or trims his nose hair or supports the ones who does so. 65. The ascetics who cuts or trims the grown eyebrows or supports the ones who does So. 66. The ascetic who cuts or trims the grown hair of his head or supports the ones who does so, a laghu-masik expiation costs him. प्रस्वेदनिवारण प्रायश्चित्त THE ATONEMENT OF THE REMOVAL OF THE SWEAT ETC. 67. जे भिक्खू अप्पणो कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वा नीहरेज्ज वा विसोहेज्ज वा, णीहरंतं वा विसोहंतं वा साइज्जइ । 67. जो भिक्षु अपने शरीर का पसीना, जमा हुआ मैल, गीला मैल और ऊपर से लगी हुई रस आदि को निवारण करता है या विशोधन करता अथवा ऐसा करने वाले का समर्थन करता है । (उसे लघुमासिक प्रायश्चित्त आता है ।) 67. The ascetic who removes or purifies the sweat, dry dirt, wet dirt or other dust particles or supports the ones who does so a laghu-masik atonement comes to him. चक्षु कर्ण - दंस-नहमलनीहरण- प्रायश्चित्त THE EXPIATION OF CLEANING THE DIRT OF EYES, TEETH AND NAILS 68. जे भिक्खू अप्पणो अच्छिमलं वा, कण्णमलं वा, दंतमलं वा णहमलं वा, णीहरेज्ज वा, विसोहेज्ज वा, णीहरंतं व, विसोहंतं वा साइज्जइ । 68. जो भिक्षु अपने आँख का मैल, कान का मैल, दाँत का मैल या नख का मैल निकालता है या उन्हें विशुद्ध करता है अथवा ऐसा करने वाले का समर्थन करता है । ( उसे लघुमासिक प्रायश्चित्त आता है।) 68. The ascetic who removes or cleans the dirt of his eyes, ears, teeth and nails or supports the ones who does so, a laghu-masik expiation costs him. विवेचन - अत्याधिक चक्षु रोग हो जाने के कारण आँख का मैल निकालना, दाँतों में से अन्न आदि का कण निकालना तथा अल्पाधिक दंत रोग हो जाने पर दाँतों का मैल निकालना 'सकारण' है और वह प्रायश्चित्त योग्य नहीं है। इसी तरह नखों में प्रविष्ट अशुचिमय पदार्थों को निकालना तथा प्रविष्ट अन्नकणों को निकालना प्रायश्चित्त योग्य नहीं है, तथा बाल ग्लान वृद्ध आदि की वैयावृत्य सम्बन्धी कार्यों के लिए नखों का मैल निकालना 'सकारण ' है । निशीथ सूत्र (78) Nishith Sutra
SR No.002486
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakavsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2015
Total Pages452
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size20 MB
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