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६ महीने (१८० दिनों) का अन्तर पड सकता है, अर्थात् उत्कृष्ट से अधिक से अधिक १८० दिन का काल ऐसा बीत सकता है कि जिसमें कोई भी मोक्ष में न जाय । इस तरह ६ मास का उत्कृष्ट अंतर पडने के बाद समस्त २ ॥ द्वीप क्षेत्र में से कहीं न कहीं से पुनः कोई मोक्ष में जाएगा ही जाएगा। इसमें कहीं कोई संदेह नहीं है । इस तरह अंतर द्वार समझना चाहिए ।
११) संख्या द्वार - अब संख्या की दृष्टि से १ समय में कम से कम और अधिक से अधिक कितने सिद्ध होते हैं ? या हो सकते हैं ? इसका विचार संख्याद्वार में किया जाता है । अतः शास्त्र में कहते हैं कि.... १ समय में कम से कम १ ही जीव सिद्ध होता है। और उत्कृष्ट से- अधिक से अधिक १०८ जीव मोक्ष में गए हैं । १ समय में १ से कम तो हो ही नहीं सकते हैं और १०८ से ज्यादा कभी हुए ही नहीं है । जहाँ समय की संख्या मात्र १ ही है और सिद्ध होनेवाले जीवों की संख्या १०८ की है। अब सोचिए आप ! इतने छोटे से १ समय के काल में १०८ सिद्ध होते हैं । इस १०८ की उत्कृष्ट संख्या में मोक्ष में जाने का सौभाग्य भ० ऋषभदेव को प्राप्त हुआ है । अतः इस दृष्टान्त में नामांकन उनका ही हुआ है । अभी तक दूसरा ऐसा दृष्टान्त अन्य किसी का भी मिल नहीं रहा है ।
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सिर्फ १ समय में १०८ के सिद्ध होने की संख्यावाले बहुत कम हैं। लेकिन १०७ से ५० (या ५० से १०७) तक की संख्या में सिद्ध बननेवालों की संख्या अनन्तगुनी है । तथा ४९ से २५ तक की संख्या में सिद्ध बननेवालों की संख्या असंख्यगुनी है । तथा ३४ से २ तक की संख्या में मोक्ष में जानेवालों की संख्या संख्यातगुनी है । इस तरह संख्या द्वार के अन्तर्गत मोक्ष में जानेवाले जीवों की १ समय में कितनी संख्या होती है का विचार किया गया है ।.
और विस्तार से विचार करते समय संख्या की दृष्टि से .. १ समय में ज्यादा- - से ज्यादा उत्कृष्ट अवगाहनावाले २, जघन्य अवगाहना वाले ४ और मध्यम अवगाहनावाले १०८ सिद्ध होते हैं । इसी तरह लिंग के विषय में संख्या का विचार करने पर... . पुरुषलिंग से १०८, स्त्रीलिंग से ३०, तथा नपुंसकलिंग से सिर्फ १० की संख्या बताई गई है । गृहस्थलिंग से सिर्फ ४ और अन्यलिंगसे १० तथा अन्त में स्वलिंग से १०८ की सर्वाधिक संख्या दर्शायी गई है । इस तरह सभी द्वारों के विषय में कम ज्यादा संख्या का विचार किया जा सकता है, इसे अल्प - बहुत्व द्वार कहते हैं ।
१२) अल्प - बहुत्व द्वार— अल्प = कम, और बहुत्व अर्थात् = अधिक । इस तरह कम-ज्यादा की संख्या में कितने मोक्ष में गए का विचार इस अल्प - बहुत्व द्वार में
आध्यात्मिक विकास यात्रा
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