SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 938
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिशिष्ट २ ८६१ मंदर मिहुण मेइणी मेह मेहला मउड रयण रवि रायहंस वइर वद्धमाणग वीणा • विपंची वर विमाण वसभ ससि संख सोत्थिय एषणासमितिभावना आदाननिक्षेपणसमितिभावना-पृ० ५७८ २ सत्यमहाव्रत की ५ भावनाएं अनुचिन्त्यसमिति भावना क्रोधनिग्रेहरूप क्षमा भावना लोभविजयरूप निर्लोभता भावना भयमुक्तिरूप निर्भयताभावना हास्यत्यागरूप वचनसंयम मौन भावना -पृ० ६३६ ३ अचौर्यमहाव्रत की ५ भावनाएंविविक्तवासवसति समिति भावना अनुज्ञातसंस्तारकग्रहणरूप अवग्रह समिति भावना शय्यापरिकर्मवर्जनरूप शय्यासमितिभावना अनुज्ञातभक्तादि भोजन लक्षण-साधारण पिंडपात्रलाभसमितिभावना सार्मिक विनयकरणभावना-पृ०६८० '४ ब्रह्मचर्यमहाव्रत की ५ भावनाएँ स्त्रीसंसक्तनिवास स्थानत्याग समिति भावना स्त्री कथा विरति समितिभावना स्त्री रूप विरति समिति भावना पूर्वरत.स्मरणत्याग समिति भावना कामोत्पादक आहारत्याग समिति भावना-पृ० ७३२ ५ अपरिग्रह महाव्रत की ५ भावनाएं-- श्रोत्रन्द्रियसंवर भावना चक्षुरिन्द्रिय संवर भावना घ्राणेन्द्रियसंवर भावना रसेन्द्रियसंवर भावना स्पर्शेन्द्रियसंवर भावना-पृ० ८२० सागर सरिय सारस सिरी सुरूवि हार पांचमहावतों की २५ भावनाएं १ अहिंसामहाव्रत की भावनाएंईर्यासमिति भावना मनःसमिति भावना वचनसमिति भावना
SR No.002476
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyanpith
Publication Year1973
Total Pages940
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy