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श्रमण भगवान् महावीर की २५ वीं निर्वाण शताब्दी के उपलक्ष्य में
प्रश्नव्याकरण सूत्र
(आश्रव और संवर का गंभीर विवेचन ) [मूल, संस्कृतच्छाया, पदार्थ, मूलार्थ, विस्तृत व्याख्या ]
व्याख्याकार :
संस्कृत - प्राकृतविशारद पं० श्री हेमचन्द्र जी महाराज
सम्पादक :
प्रवचनभूषण पं० श्री अमर मुनि जी महाराज
सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा - २