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श्री
आत्म
॥ ॥ श्री वर्धमानाय नमः ।। ।।
गुरवे नमः
श्री:
आनंद
नमः
गुरवें
胡
दम गुरवे नमः
श्री अमरवे नमः
राष्ट्र सन्त उत्तर भारतीय
प्रवर्तक अनंत उपकारी गुरूदेव भण्डारी प. पू. श्री पद्म चन्द्र जी म.सा. की पुण्य स्मृति में साहित्य सम्राट श्रुताचार्य पूज्य प्रवर्तक वाणी भूषण गुरूदेव प. पू. श्री अमर मुनि जी म.सा. द्वारा संपादित एवं पद्म प्रकाशन द्वारा विश्व में प्रथम बार प्रकाशित (सचित्र, मूल, हिन्दी - इंगलिश अनुवाद सहित) जैनागम सादर सप्रेम भेंट | भेंटकर्त्ता : श्रुतसेवा लाभार्थी सौभाग्यशाली परिवार
श्रीमती मिराबाई रमेशलालजी लुणिया ( समस्त परिवार )