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श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र
परिगालण-मलण-सोत्तबंधण - सलिलासय सोसगा विसगरस्स य दायगा उत्तणवल्लर- दवग्गिणिद्दय-पलीवगा कूरकम्मकारी इमे य बहवे मिलक्खुजातीया । के ते ? सक-जवरण - सबर बब्बरगाय मुरुडोद - भडग तित्तिय पक्कणिय कुलक्ख. गोड सहलपारस कोचंध-दविल-बिल्लल-पुलिद अरोस - डोंब पोक्कण- गंधहारगबहलीय - जल्ल- रोम - मास. बउस मलया- चुचुया य चूलियाकोंकणगा ( ग ) - कणग- सेय- मेता मालव महुअरआभासिय अणक्ख (क्क) - चीण - ( नेट्ठर ) मरहट्ठ- मुट्ठिअ आरब रोमग - रुरु-मरुया (गा ) - चिलाय - विसयवासी य पावमतिणो ।
(मेत ) - पण्हव ल्हासिय खस - - डोबिलग
खासिया - नेहरकुहण केकय-हूण
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जलयर थलयर - सणप्फतोरग - खहचर - संडासतोंड - जीवोवघायजीवी सण्णी य असण्णिणो य पज्जते अपज्जत्ते य असुभ सपरिणामे एते अण्णे य एवमादी करेंति पाणाइवायकरणं ।
पावा पावभिगमा ( पावमई) पावरुई पाणवहकय रती पाणवहरूवाणुट्ठाणा पाणवहकहासु अभिरमंता तुट्ठा पावं करेत्तु (सु) होंतिय बहुप्पगारं ।
तस्स य पावस्स फलविवागं अयाणमाणा वड्ढति महब्भयं अविस्सामवेयरणं दीहकालबहुदुक्ख संकडं नरयतिरिक्खजोणि । इओ आउक्खए चुया असुभकम्मबहुला उववज्जंति नरएसु हुलिय (तं) महालएसु वयरामय कुड्डु रुंद निस्संधि-दारविरहिय- निमद्दवभूमितल - खरामरिस. विसमणिरयघरचारएसु महोसिण-सया पतत्तदुग्गंध विस्स उब्वेयजणगेसु वीभच्छदरिसणिज्जेसु य निच्चं हिमपडलसीयलेसु कालोभासेसु य भीमगंभीरलोम - हरिसणेसु, णिरभिरामेसु निप्पडियारवा हिरोगजरापीलिएसु अतीवनिच्चधकार तिमिस्सेसु पतिभसु ववगयगहचंदसूररणक्खत्तजोइसेसु मेय