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________________ निःसंगता की साधना के सूत्र १२३ भी उपयोग उसी दृष्टि से करे तथा काया को भी समिति-गुप्तिपूर्वक नियंत्रित रखे तो वह चारित्र-सम्पत्ति को लूटने वाले इस महादोष से बच सकेगा। जनसंसर्ग से बचने के उपाय अत्यधिक जनसंसर्ग से स्वाभाविक अरुचि, तथा अति-परिचय से विरक्ति के लिए साधक को क्या उपाय करना चाहिए, जिससे कि उसका मन उस ओर से लक्ष्य की दिशा में मुड़ सके ? इसके लिए अर्हतर्षि कहते हैं पयहित्तू सिणेहबंधणं झाणऽज्झयण परायणे मुणी। णिद्धत्तेण सया वि चेतसा, णियाणाय मति तु संदधे ॥२॥ 'मुनि मन से स्नेह-बन्धन का त्याग करने के लिए प्रशस्त ध्यान और अध्ययन (शास्त्र-स्वाध्याय) में दत्तचित्त हो जाये। चित्त को सदैव (अपने अन्तिम लक्ष्य में) निहित (अथवा नियन्त्रण में रख) करके अपनी बुद्धि को मोक्ष-पथ में जोड़ दे।' . स्नेहपाश एवं रागात्मक वृत्ति को तोड़ने के लिये यहाँ अर्हतर्षि ने जो ठोस उपाय साधकों को सुझाये हैं, वे इस प्रकार हैं-अपने मन को शुभ ध्यान में लगाये, अपने वचन को स्वाध्याय में लीन करे, अपने चित्त को अपने लक्ष्य में केन्द्रित करे और अपनी बुद्धि को सदा मोक्ष (कर्मों से या जन्ममरणादि दुःखों से सर्वथा मुक्ति) में जोड़े। दूसरी दृष्टि से देखें तो गृहस्थजनों का स्नेहबन्धन साधना में विक्षेप डालता है वह अध्ययन में विघ्नरूप है । एक विद्यार्थी भी जब किसी के प्रेमपाश में बंध जाता है, तो वह ठीक ढंग से अध्ययन नहीं कर पाता । नेपोलियन बोनापार्ट विद्यार्थी-अवस्था में साधारण स्थिति का था। वह एक नाइन के घर में किरायेदार के रूप में रहकर अध्ययन करता था। घर की मालकिन नेपोलियन के सौन्दर्य पर मुग्ध होकर उसे अपने प्रेमपाश में बांधने की विभिन्न चेष्टाएँ करती थी। परन्तु नेपोलियन अपने अध्ययन में ही लीन रहता था। वह उसकी ओर आँख उठाकर भी नहीं देखता था। इससे नेपोलियन को वह अरसिक एवं किताबी कीड़ा समझ कर उससे घृणा करने लगी । बहुत वर्षों के बाद नेपोलियन जब फ्रांस का सेनापति बनकर उसके यहाँ आया तो उसने बहुत सत्कार किया। बात ही बात में नेपोलियन ने कहा – 'अगर उस समय मैं तुम्हारे प्रेमापाश में फंस जाता तो आज मैं इतने उच्च पद पर कभी नहीं पहुंच पाता।'
SR No.002474
Book TitleAmardeep Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherAatm Gyanpith
Publication Year1986
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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