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अनुक्रमणिका
क्या ?
मानव-जीवन की सार्थकता
मानव - जन्मरूपी वृक्ष के छह फल
1. प्रथम फल : जिनेन्द्र पूजा
2. दूसरा फल: गुरु पर्युपास्ति : गुरु-सेवा
3. तीसरा फल : सत्त्वानुकम्पा : जीवदया
4. चौथा फल : सुपात्रदान
5. पांचवाँ फल : गुणानुराग
6. छठा फलं : श्रुतिरागमस्य : आगम-श्रवण
(८)
कहाँ?
१३-२८
२६-१४४
२६
७६
६५
११०
१२३
१२६