________________
विनयसूत्रवृत्त्यभिधानस्वव्याख्यानम्
उषित
१४८
कढता
ऊन
पञ्चवर्ष दशवर्ष विशतिवर्षत्वात् विशति-वर्षता °षष्टिवर्ष
५९० कन्दलीच्छिन्न ५९० कनीय
२८९ करण्ड
२१०, २११, २१२, २१४ ५९१ करम्ब-पुष्प
२७७ कपोलभाला
२१५ १०२ करणीय-अकरणीय
१०२ ७८ कर्ण (क)
१५२ ११५
१५२ १३३
अ°क अश्व एक
१५२
९९
ल
ऋण-वन्त
खर-सूकर गोण-मर्कट
ए
१५२ १५२ १५२ १५२ २७५
हस्ति
६३५
६३५
एकनख एकपाद एकहस्त एकान्न-पश्चाशत् एवं-त्वम्
कणिका कपरक कर्वटक
३५५
७२
२९६
कर्म
अन्
४२
आदान °कारक
एहि इति
५६७
१०९, ३८९ ___४३, ४७ १, ६९, ९८
वस्तु
वाचना
३
६१५
७३
औत्तर-कोरवक मोत्सुक्य औदारिक औद्धत्य
कर्म-कारिका कर्मभेद-वस्तु कल्प
अर्थ
६
उत्तम
कञ्चक
प्रति
कटका
१४७ १४५
कटाहक कठिन
वस्तु कठिल्ल कठिल्लक कण्डु-कच्छु कथावस्तु कथैषिता
वर्तमान ३५४, ३५५ ३५८ कलह
विवाद १, ९८ कल्प (क) २७४, ४७१ अन्तर
४२९ . भेद ६३५ कल्पक
कल्पिकीकरण ५४५ कस्य
१८१
..
१७८,१७९
४७५ ४२२