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) श्री सीमंधर स्वामी भक्ति गीत .
(राग - ऊंचा अंबर थी आवो ने) समवसरणमां बोलावो प्रभुजी, .... हो.... हैयु तलसे लेवा विरति, विरति ने आपो सीमंधर प्रभुजी, विरति क्षपकश्रेणी देती ....
सीमंधर प्रभुजी महाव्रत देता, प्रदक्षिणा प्रभुने अहोभावे देता
आशिष आपे क्षायिक प्रीतना, क्षायिक प्रीत क्षपकश्रेणी देती ... समवसरणमां ... ||1|| अभयदानी प्रभु ने अहोभावे वंदता, देवाधिदेवने हैयामां धरता, आणा तमारी गुणों देनारी, आणा थी सहुने मुक्ति मलती ... समवसरणमां ...।।2।।
ध्यान समाधि प्रभुने जोता प्रगटती, शुक्लध्यान धारा क्षपकश्रेणी देती,
उपकारों प्रभुना करुणा प्रभुनी, निर्वाण पद ने जे देती ... समवसरणमा ...।।3।। प्रभुनी कृपाथी मैत्री भाव जाग्या, चौदलोके सहु जीवोने अहोभावे वांद्या, सहु विरति पामे समवसरण स्थाने, वीतरागता सहुनी प्रगटती ... समवसरणमां...।।4।।
प्रभुना अतिशये इन्द्रियो विरामे, अढार पापोनी वेदना छोड़ावे,
समता समाधि प्रगटे प्रभुथी, केवलज्ञान थई जाय ... समवसरणमा ... ।।5।।अपूर्व भावोथी महायोग वर्ते, गद्गद् हैयु प्रभुने पलपल पूजे, मंगल थाये आज चौदलोके, सिद्धगति सहुने मलती ... समवसरणमा ...।।6।।
देवाधिदेवनी देशना वरसे, प्रातिहार्यो थी प्रभुजी पूजाये,
प्रभु पासे रहेवा महाभाग्य जाग्युं, करुणा प्रभुनी व्हाले वहेती ... समवसरणमां ...।।7।। विश्वमाता पद्मनंदी पर करुणा वहावे, समर्पित बालगोपालो विरति ने पामे समर्पित परिवार पर वात्सल्य प्रभुनु, सहुने शीवपुरे लई जाये ... समवसरणमां ....।।8।।
कैसी करुणता....॥ मौत के बाद साथ नहीं आने वाली, टी.वी., बंगला, पत्नी, पैसों आदि के लिए आपके पास बहुत समय है और मौत के बाद साथ में आने वाले धर्म के लिए आपके पास समय न हो तो यह आपके जीवन की करुणता नही?
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