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16 वक्षस्कार के
चित्र-विचित्र
यमक-समक के
200 कंचन गिरि के
मेरु के
द्रह
गजदंत के
कुल
16 पर्वत एवं नदी सिवाय के शा. चैत्य
शाल्मली वृक्ष
4 जम्बू वृक्ष के
- 200
25
6
4. गुरु महाराज मिलने पर
5. रात्री में गुरु भगवंत को
6. घर से बाहर जाते समय
4
सीता सीतोदा कुंड के पास
कुरुक्षेत्र के द्रह के
1- 299 कुल
पर्वत के ऊपर कुल शाश्वत चैत्य
महानदी के कुंड के शा. चैत्य
पर्वत सिवाय के शा. चैत्य कुल शा. चैत्य
1. जिन मंदिर का शिखर / ध्वजा
2. मंदिर में जितने भी भगवान हो उनको
3. अन्य जैनेत्तर व्यक्ति (Non Jain) मिलने पर
कब क्या कहना ?
7. अपने द्वारा कोई भूल हो जाने पर
8. गुरु भगवंत जब हमें आज्ञा प्रदान करे तब
9. गुरु भगवंत से विदा लेते समय
10. कोई शाता पूछे तब
- 299
90
-246
-635
नमो जिणाणं कहना चाहिए।
:
नमो जिणाणं कहना चाहिए।
:
: जय जिनेन्द्र कहना चाहिए।
: 3 नवकार अवश्य गिनना चाहिए।
: मिच्छामि दुक्कड़म् कहना चाहिए।
: हाँ जी अथवा तहत्ति कहना चाहिए।
: सुख शाता में रहना, कहना चाहिए।
देव -
:
157
: सिर झुकाकर मत्थएण वंदामि कहना चाहिए।
: त्रिकाल वंदन कहना चाहिए।
117
117
- गुरु पसाय, कहना चाहिए।
2
10
246