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दानमहिमागर्भितं श्री दान कुलकम्
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१८. छ मासी तपवाले घोर तपस्वी श्री वीरप्रभु को जिन्होंने उड़द के बाकुला का दान देकर संतुष्ट किया, वह चंदनबाला प्रशंसा क्यों नहीं प्राप्त करे ?
॥१८॥
१९. अरिहंत भगवंतों ने जिनके घर प्रथम वगैरह ( तप के) पारणा किया है, करते हैं, और करेंगे उन आत्माओं की सिद्धि (मोक्ष) अवश्य होती है
॥१९॥
२०. आश्चर्य है कि जिनमंदिर, जिनबिंब, आगम और साधु-साध्वी - श्रावकश्राविका रूप चतुर्विध संघ - इन सात क्षेत्रों में बोया हुआ धन अनंतगुणयुक्त मोक्षफल को प्रदान करने वाला है ||२०||