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उत्तर प्रदेश
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मूलनायक श्री धर्मनाथजी
रोनाही गांव में यह तीर्थ है। यहां श्री धर्मनाथ स्वामी का गर्भ, जन्म, दीक्षा और केवलज्ञान चार कल्याणक हुए हैं। उस समय यह रोनाही गांव रत्नपुरी विराट नगरी थी। प्राचीन मंदिर बने हुए होंगे ? चौदहवीं सदी में विविधतीर्थ कल्प में वर्णन है। आज श्वेतांबर के दो मंदिर है। ग्रामीण लोग धर्मराज कहते हैं और अभिषेक करते हैं। अभी मंदिरों का जीर्णोद्धार मलाड ईस्ट मुंबई श्री रत्नपुरी मंदिर की तरफ से श्रीमती चंद्रावती बालुभाई खीमचंद जवेरी ट्रस्ट तरफ से हुआ है।
पास का रेल्वे स्टेशन सोहावल २ कि.मी. है। अयोध्या से बाराबंकी मार्ग पर यह तीर्थ २४ कि.मी. है। रिक्शा, बस मिलते हैं। मंदिर के पास धर्मशाला है। श्वे. रत्नपुरी पेढ़ी, रोनाही स्टेशन सोहावल (जि. फैजाबाद, उ. प्र. ) मु.
धन्य भाग्य प्रभु अमारा जाग्या
नीरख्या त्रिभुवन तातरे, धर्मनाथ त्राता त्रिलोकना ।
भानु नंदन प्रभु व्रज लंछनधारी, सुव्रतादेवी जस मात रे ।
धर्म १
अष्ट प्रकारे पूजा भावथी करता, माये शिव सुखशातरे । पाणी चंदन फूल धूप दीप पूजा,
अक्षत नैवेद फल वात रे । विधिपूर्वक जेम नदी उतरतो,
नवि मुनिराजने घात रे । पुष्पादिमां पण तेवी तारी आज्ञा, उत्थापे महामिथ्यात रे ।
बोले जिनेन्द्र प्रभु सेवा करतां, मेह महिपति थाये म्हातरे ।
८. श्री अयोध्या तीर्थ
श्री अयोध्या तीर्थ जैन मंदिरजी
धर्म २
धर्म ३
धर्म-४
धर्म- ५
धर्म ६
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