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________________ कर्नाटक विभाग (७४१ HESH Prasta ५. श्री मंडया तीर्थ | मूलनायक श्री सुमतिनाथजी मंडया जैन मंदिरजी 1 मूलनायक श्री सुमतिनाथजी ४० वर्ष पहले घर मंदिर था वहां शिखर बंधी मंदिर बनवाया है। २०४६ माह सुदी ११ को पू. आ. श्री पद्मसागर सूरीश्वरजी म. के द्वारा प्रतिष्ठा हुई है। आरस के ५ प्रतिमाजी है। १८० घर है। १२०० जैन है। बेंगलोर से ९० कि.मी. मैसुर से ४५ कि.मी. है मैसुर सेन्टर रेल्वे है। पुराना मार्केट पिन - ५७१४०१ ६. श्री बेंगलोर तीर्थ बेंगलोर-चीकपेठ मूलनायक श्री आदिनाथजी यह भव्य जिनमंदिर है। आदिनाथजी के प्रतिमाजी प्राचीन है। वि. सं. १९७४ माह सुदी १३ को पू. आ. श्री विजयविज्ञान सूरीश्वरजी म. के द्वारा प्रतिष्ठा हुई है। आरस के ५ प्रतिमाजी है। शहर में ११ मंदिर है। कर्नाटक का पाटनगर तथा धीकतुं सुंदर शहर है। यहां जैनों के २५ हजार घर हैं। डेढ लाख जैन है। जैनों का बड़ा केन्द्र है। आदिनाथ जैन श्वे. मंदिर चीक पेठ, जैन मंदिर लाइन । पिन - ५६० ०५३ । मद्रास मुंबई रेल्वे तथा एरोड्रम है।
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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