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________________ ६४०) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग - २ COLAS SHREE SHREE HAS SEPCA SUPEE CA अहमदनगर पूना नासिक - (महाराष्ट्र) रायगढ लोनावाला चिवड पीपली रत्नागिरि महाबलेश्वर नासिक लड़की पुना इस्लामपुर कराड अकोला कोरेगांव संगमनेर रहिमतपूर पारनेर शीरूर मूलनायक श्री महावीर स्वामी यह श्री वर्धमान जैन आगम तीर्थ है। उसमें पंचधातु के मूल प्रतिमाजी शरीर अनुसार सात हाथ के और परिकर सहित १४५ इंच है। ५ टन वजन के प्रतिमाजी है। अंजन वि. सं. २०४७ फा. व. ६ को पूज्य आ. श्री देवेन्द्रसागर सूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। उन्होंने इस मंदिर की प्रेरणा दी थी। ४६ देरी पांच गर्भगृह आदि पर जिनालय आगममंदिर है। इस विशाल मंदिर की पू. आ. श्री दौलत सागर सूरीश्वरजी म. कागळ कोल्हापुर कोपरगाव शिरडी सांगली राहुरी अहमदनगर श्री रामपुर बारामती GS BALSS KISS ५७ ३५. श्री कात्रज तीर्थ (पुना ) सोलापुर 'औरंगाबाद निवासा पाथरडी उानाबाद आदि की निश्रा में १९५२ माद सुदी १३ को भव्य महोत्सव के साथ अंजनशलाका प्रतिष्ठा हुई है। तीन मंजिल वाला यात्रिक भवन, भाताघर विद्यापीठ, आयंबिलशाला, भोजनशाला आदि की अच्छी व्यवस्था है। पुना से सतारा रोड पर ३४ कि.मी. है। थोड़े समय में प्रसिद्धि को प्राप्त कर यात्राधाम बन गया है। ठि. जैन आगम मंदिर, जकातनाका के पास, कात्रज ४११०४६ । फोन- -४३९९४४ पूना । पिन 2
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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