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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-२
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३०. श्री परभणी तीर्थ
श्रीगोडीपाश्र्वनाथ भगवान
मूलनायक श्री गोडी पार्श्वनाथजी
परभणी जैन मंदिरजी
मूलनायक श्री गोडी पार्श्वनाथजी
इस शिखरबंधी मंदिर की प्रतिष्ठा व. सं. १९८९ महा सुद ५ को हुई है। प्रतिमाजी ९०० वर्ष पुराने है। जीर्णोद्धार चालु है। आरस के ८ और धातु के १७ प्रतिमाजी है। श्री महावीर स्वामी के प्रतिमाजी वीर सं. १७४१ के हैं। जि. परभणी, पिन - ४३२ ४०१ फोन : २५४३
३१. श्री नांदेड तीर्थ
मूलनायक श्री चंद्रप्रभ स्वामी
यहां प्राचीन घर मंदिर था। वहां अभी शिखरबंधी मंदिर है। पहले शहर जिम राज्य मां था अब महाराष्ट्र राज्य में है। प्रतिमाजी लातुर परभणी तथा कच्छ में से लाई हुई है। प्राचीन है आरस के ५ प्रतिमाजी है। जैनों के कच्छी मारवाडी घर ५० संख्या ३५० है। मुंबई हैद्राबाद रेल्वे लाईन है। जि. नांदेड, पिन - ४३१६०१
पावापुरी नगरी शोभे मनोहर, बीराजे महावीर स्वामी रे। महावीर अमर तपो। अंतिम चौमासु प्रभुजी बिराज्या.
भविजन आनंदकार रे। महा. आसो वदनी अमावस्याओ, देशना दे सोल पहोररे। महा. देशना देतां मोक्षे सिधाव्या वियोगे दुःख अपार रे। महा. इन्द्रादि देवो भेला मल्या रे, उजववा कल्याण रे। महा. प्रभुनी अमृत भक्ति करतां; जिनेन्द्र पद निरधार रे। महा.