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मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी
यह मंदिर तीन भाग में है बीच में मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी की प्रतिष्ठा २०३१ में हुई वह पहले गृहमंदिर था नीचे श्री अजितनाथजी मंदिर की सं. १९८८ महा सुद ५ की प्रतिष्ठा हुई। उपर प्राचीन मंदिर ऋषभदेवजी का है वह ३०० वर्ष पुराना है।
२१. श्री भद्रावती (भांडकजी) तीर्थ
मूलनायक श्री स्वप्नदेव केशरिया पार्श्वनाथजी
यह प्राचीन तीर्थ है। अंतिम उद्धार कराकर वि. सं. १९७५ फा. सु. ३ को पू. श्री जयमुनिजी के द्वारा प्रतिष्ठा हुई है । यहां आरस के २० और धातु के २५ प्रतिमाजी हैं।
हर दिन अच्छी संख्या में यात्री आते हैं। जलमंदिर का सुंदर आयोजन किया है।
महाभारत में इस नगरी का उल्लेख है। यहां के राजा की कन्या भद्रावती जो कलिंग के राजा को ब्याही थी। वह धर्मप्रेमी थी। चीनी यात्री ह्वेनसांग के प्रवास में इस नगर का नाम है। प्रतिमा नगर के नाश में दब गई थी जो खोदकार्य करते प्रगट हुई है।
बीती सदी में प्रतिमाजी का आधा भाग दबा हुआ था लोग केशरिया बाबा कहते और सिंदुर चढ़ाते । चांदा, वर्धा, हिंगणघाट आदि के संघों के कहने से सरकार ने सन् १९१२ में यह स्थान संघ को सौंपा मध्यप्रदेश के राज्यपाल सर फ्रेन्क स्लाइव ने केशरिया बाबा के दर्शन से प्रभावित होकर १४२ एकड़ जमीन इस तीर्थ को भेंट दी थी और बाद में फिर से जीर्णोद्धार कराया था।
वि. सं. १९६६ महा सुद ५ अंतरिक्ष तीर्थ के मैनेजर श्री चत्रभुज भाई ने स्वप्न देखा कि उनका भांडुक आसपास गाढ़ जंगल में घूमता है वहां नागदेवता उसको इस तीर्थ का संकेत करते हैं। उस आधार पर वह महा सुद ९ को इस तीर्थ की खोज में निकलते हैं यहां केशरीया बाबा स्थान देखते हैं।
विशाल सत्य मंडप है आरस के ९ प्रतिमाजी है तथा पास में दो मंदिर है। उसमें आरस के ८ प्रतिमाजी है। सभी जैनों के २४०० घर हैं, २० हजार की संख्या है श्री ओसवाल पंचायत इतवारी श्रीअजितनाथ जैन श्वे. मंदिर ट्रस्ट दूसरी गली इतवारी नागपुर सीटी पिन ४४२००२ मुंबई हावड़ा रेल्वे का स्टेशन है।
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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भांग
परिवर (परचन)
नीचे
मादीजो
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चांदा के संघ ने कहा और संघ ने सरकार के पास से कब्जा लिया, भक्तजनों जब से स्वप्नदेव श्री केशरीया पार्श्वनाथजी भगवान कहने लगे। बगीचे में आदिश्वरजी मंदिर तथा गुरु मंदिर है। मंदिर के उपर के भाग में चौमुख है। उसमें पार्श्वनातजी, चंद्रप्रभुजी और आदिनाथजी एक पत्थर में बने हुए हैं।
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यहां मगशिर वद १०का मेला लगता है। यहां ८ घर और ५० जैन हैं। भांडक स्टेशन डेढ़ कि.मी. है। चांदा (चंद्रपुरी) ३२ कि.मी. है। दिल्ली मद्रास मार्ग पर नागपुर-बलहारसा चंद्रपुर लाईन है। चंद्रपुर से २८ कि.मी. है। धर्मशाला, भोजनशाला है।
श्री जैन श्वेताम्बर मंडल तीर्थ भद्रावती पो. भद्रावती ४४२९०२
रेल्वे स्टेशन भाडंक जि. चंद्रपुर (महाराष्ट्र)
41010
मुख्य द्वार ट्यू