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________________ मध्य प्रदेश >>> में 1000 10 樂樂樂 मूलनायक श्री वही पार्श्वनाथजी Tikis २२. श्री वही तीर्थ २३. श्री प्रतापगढ़ तीर्थ Pres 樂樂樂 मूलनायक श्री वही पार्श्वनाथजी यह तीर्थ प्राचीन है। एक तरफ होने से यात्री सरलता से नहीं आ सकते । इन्दौर से (१) मक्सी पार्श्वनाथजी ( २ ) 梁樂麻 अवन्ति पार्श्वनाथजी (३) अलौकिक पार्श्वनाथजी ( ४ ) वही पार्श्वनाथजी और (५) नागेश्वर पार्श्वनाथजी इन पांच पार्श्वनाथजी के लिए इन्दौर से एकांतर बस चलाने के लिए श्रावक बात करते हैं यदि ऐसा हो तो आने वालों को सुविधा होने से यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी। नागेश्वर तीर्थ पास में है। 2 मूलनायक श्री चंद्रप्रभ स्वामी (५९७ मूलनायक श्री चंद्रप्रभ स्वामी मंदसौर के पास यह शहर है वहां अनेक मंदिर है और रोड 送來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來 का व विहार का गांव है। यात्रा करने वालों को सुविधा रहती है। प्रतापगढ़ जैन मंदिरजी 樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂樂麻
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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