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________________ मध्य प्रदेश JRAMHARJAGR H नानपुर जैन मंदिरजी 0049AHEER मंदिर का सभा मंडप विशाल है और उसमें नये पत्थरों में श्रीपाल मैना सुन्दरी के जीवन के १३७ कलापूर्ण पट्ट खुदे हुए हैं। यहां चैत्र पूर्णिमा तथा कार्तिकी पूर्णिमा का मेला भरता है । पास में श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. का गुरु मंदिर है । धर्मशाला भोजनशाला की व्यवस्था है। शांत वातावरण में खूब सुंदर आराधना हो सकती है। यह तीर्थ बडोदा से १५२ कि.मी. तथा छोटे उदयपुर से ५६ कि.मी. दाहोद से ८० कि.मी. और इन्दौर से धार होकर २२५ कि.मी. है। खंडवा बडोदा हाईवे से ८ कि.मी. दूर है। मु. लक्ष्मणी तीर्थ पो. अलिराजपुर ४५७८८७ (जि. झांबआ (म.प्र.) अलीराजपुर फोन नं. २११८ द्वारा ट्रस्टी कुंदनलालजी को सूचित करने पर व्यवस्था हो जाती है। लक्ष्मणी तीर्थ से बडोदा रास्ता शाम ६ से सुबह ६ तक अलीराजपुर से बंद हो जाता है जिससे यहां रहना योग्य है। मूलनायक श्री पद्मप्रभुजी ३. श्री नानपुर तीर्थ मूलनायक श्री मनमोहन पार्श्वनाथजी मूलनायक श्री मनमोहन पार्श्वनाथजी लक्ष्मणी तीर्थ से कुक्षी जाते यह गांव आता है। यहां प्राचीन जिन मंदिर है। भव्य प्रतिमाजी है। (५७५
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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