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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१
१३. बरेजा तीर्थ
adharna
1 मूलनायक श्री बरेजा पार्श्वनाथजी
बरेजा तीर्थ जैन मंदिर
मूलनायक जी : श्री बरेजा पार्श्वनाथजी
जैन संघों के निश्चित किया कि प्रभुजी को बैल वगैरह की गाड़ी में C प्रतिष्ठा - इस तीर्थ का कोई लेख नही है। आखिरी जीर्णोद्धार वि.सं. बैठाने से गाड़ी जिस राज्य की सीमा में अटकती हो उस राज्य का संघप्रभुजी
०२५ में सेठ आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी ते तरफ से होने का लेख हैं। रखे। पोरबन्दर राज्य के बरेज गाँव में गाड़ी अटक गयी इस कारण पोरबन्दर
पोरबन्दर - मांगरोल रोड पर अति प्राचीन प्रगट प्रभाविक श्री बरेजा जैन संघ ने भव्य शिखर बन्दी जिनालय बनवाया-१०८ पार्श्वनाथ जी में यहाँ मसपार्श्वनाथ शिखरबंदी भव्य तीर्थ विद्यमान है।
के इस प्रतिमाजी की गिनती होती है। यह स्थान अज्ञात स्थल होने से। खास सैंकडों वर्ष पूर्व समुद्र किनारा के वेलुका गाँव के पास से यह श्यामवर्ण व्यवस्था नहीं हैं। पोरबन्दर संघ की धर्मशाला उपाश्रय वगैरह नवीन निर्माण आर्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमाजी प्रगट हुई। मांगरोल पोरबन्दर के बीच यह गाँव करवाने की भावना थी। । उस समय अलग-अलग राज्य थे। इस कारण मांगरोल और पोरबन्दर के विजय प्रभाकर सू. म. एवं और पू. आ. श्री पू.पं. श्री वज्रसेन वि. गणी
के उपदेश से जीर्णोद्धार हुआ और उठाये शेष जिनों की प्रतिष्ठा हुई वि. सं. २०५१ में।