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विदेश विभाग थीका केन्या
थीका - केन्या
थीका (केन्या) जैन देरासरजी
मूलनायक श्री महावीर स्वामी
इ.सं. १९३३ की साल में श्री वीसा ओशवाल ज्ञाति श्रीका की स्थापना हुई थी । हाल में उपयोग में लीया जाता होल १९३५ में जनरल फंड में से बंधाया गया है। १९५१ में स्व. कस्तुरबेन देवशी मेपा मालदे धुणियावाले ने देरासर बनाकर ज्ञाति को अर्पित कौया है। १९५३ में ज्ञाति को और भी २ एकर जमीन भेट में मिली है। जहाँ एक आलिशान भोजनालय और दूसरी अनेक सुविधा भी है।
समय व्यतित होने पर थीका ज्ञातिजनोंने इ.स. १९५१ में बंधा हुआ देरासर को नूतन शिखरबंध स्वरूप देने की महेच्छा परिपूर्ण बनाने की भावना मूर्तिमंत हुई और नूतन देरासर की शुरुआत करने की दिशा में प्रगति हुई ता. ५-२-१९९० वि. सं.
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२०४६ महा सुद ११ सोमवार के शुभ दिन सुबह ९/१३ कलाक पर देरासर की खननविधि की गई इसके बाद ता. २३-२-१९९० वि. सं. २०४६ महा वद १३ और शुक्रवार के शुभ दिन सुबह ८-४३ कलाक पर शिलान्यास हुआ यह दोनों पवित्र मंगल विधियाँ थीका निवासी श्री वेरशी देवशी परिवार के वरद हस्तों से की गई। है नूतन देरासर का काम संतोषजनक ढंग से आगे बढ़ रहा है। । मूलनायक भगवंत श्री महावीर स्वामी भगवंत श्री धर्मनाथ स्वामी और भगवंत श्री नेमिनाथजी की मूर्तियाँ हाल में उपाश्रय हॉल में बिराजमान है । नूतन देरासर पूर्ण हो जायगा तब यह तीर्थ क्षेत्र बन
जायगा ।
यह विगत देनेवाले श्री मेघजी जीवराज शाह मानद् मंत्री विसा ओशवाल कम्युनिटी, पो.बो. नं. १५७
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