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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ 部影學會醫學影影影影學會影學影剧
. मूलनायक श्री सुपार्श्वनाथ जी यहाँ पर २०० वर्ष पूर्व की प्राचीन प्रतिमा है। जीर्णोद्धार संवत २०४३ में हुआ हैं।
संवत - २०१२ में हुआ आदीश्वर भगवान का दूसरा देरासर हैं। तीसरा देरासर अहमदाबाद रोड पर बना हुआ हैं। उपाश्रय दो तथा गाँव में एक कुल तीन हैं। धर्मशाला हैं। जैनों के २०० घर हैं। भावनगर रोड पर २० कि.मी. पर शिहोर आता हैं।
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१४. धोला जंक्शन
मूलनायक श्री महावीर स्वामी यहाँ पर भव्य शिखरबन्द देरासर प. पू. आ. श्री विजयरामचन्द्र सूरीश्वरजी महाराज के उपदेश से हुआ है।
मूलनायक श्री महावीर स्वामी हैं। जंक्शन होने से ट्रेन में से उतरकर दर्शन करके तुरन्त पीछे जा सकते हैं।
पू. आ. श्री विजय जिनेन्द्र सूरीश्वर जी म. की निश्रा में सं. २०३९ वैसाख वद ५ को प्रतिष्ठा हुई हैं।
श्रीमते वीरनाथाय सनाथायाद्भुतश्रिया। महानंद सरोराज-मरालायाहते नमः ।। कृतापराधेऽपि जने कृपामन्थरतारयोः । ईषद्बाष्पार्द्रयोर्भद्र, श्री वीरजिननेत्रयोः।। जयति विजितान्यतेजा सुरासुराधीश सेवितः श्रीमान् । विमलस्त्रास विरहित-स्त्रिभुवन चूडामणि भगवान् ।।
मूलनायक श्री महावीर स्वामी
१५. वल्लभीपुर तीर्थ (वला)
बाजार में शंखेश्वर पार्श्वनाथ ७५ वर्ष पुराना देरासर हैं। गुरु मन्दिर में मूलनायक श्री आदीश्वरजी
(भोयरे में) देवर्द्धि गणि आदि की मूर्तियाँ हैं। नीचे पू. आ. श्री नेमि सूरिजी कल्पसूत्र में इस प्राचीन तीर्थ का उल्लेख हैं। यहाँ पर महावीर स्वामी के
महाराज की देरी हैं। अहमदाबाद भावनगर तथा पालीताणा रोड ऊपर देरासर निर्वाण पश्चात ९८० वर्ष में आगमों को लिपिबद्ध करवाने का कार्य हुआ
हैं। यहाँ पर गाँव में मिले चार उपाश्रय हैं। धर्मशाला हैं। जैनों के ५५ घर हैं। था। उस समय देवर्द्धिगणि आदि ५०० आचार्य-गण मिले थे । १८००
सेठ जिनदास धर्मदास धार्मिक ट्रस्ट (कदम्बगिरि की शाखा) लहियो के पास आगम लिखवाये उस स्थान पर यह देरासरजी बंधवाया हैं।
मु. वल्लभीपुर जि. भावनगर 10 यहाँ पर भोयरा में ५०० आचार्य महाराजों की प्रतिमायें विराजमान हैं। AEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE