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मूलनायक श्री धर्मनाथजी
पास में श्री शान्तिनाथ देरासर है। दोनों भव्य देरासर हैं। मोतीशा सेठ के समय की प्रतिमा है। १०० वर्ष पुराना देरासर है। वर्षगांठ जेठ सुद ६, जीर्णोद्धार सन् १९७३ में हुआ हैं।
आखिरी अंजनशलाका प्रतिष्ठा पू. आ. श्री रामचन्द्र सूरिजी म. की खा में हुई थी।
व्यवस्था - यहाँ पर जैनों के १४० घर हैं। दो उपाश्रय हैं। महाजन वाडी हैं। आयंबिल खाता चालू हैं। बस स्टेन्ड २ कि.मी. दूर हैं। अमरेली ३० कि.मी. पर हैं। भावनगर, राजकोट, पालीताणा की बसें मिलती हैं। यहाँ पर बोर्डिंग में नवीन शिखर बन्द देरासर हैं।
सेठ श्री धर्मदास शान्तिदास की पेड़ी
मैन बाजार, सावरकुंडला (भावनगर)
१२. कीर्तिधाम तीर्थ पीपरला
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग-१
कीर्तिधाम तीर्थ पीपरला
मूलनायक श्री सीमन्धर स्वामी
यहाँ पर नवीन सुन्दर शिखरबन्द देरासर का निर्माण कराने में आया हैं। • बगसरा के वतनी सेठ श्री प्राणलाल कानजीभाई ने अपने पुत्र कीर्ति के स्मरणार्थ यह देरासर वि. स. २०३२ में निर्माण कराया हैं। मूलनायक सीमंधर स्वामी का मुख्य देरासर हैं।
प्रदक्षिणा में बीस विहरमान महाविदेह के तीर्थंकरों की शिखरबन्द देव श्रा. सु. ३ को निर्वाण पद प्राप्त करेंगे।
देरियाँ हैं। गरम-ठंडे पानी की व्यवस्था हैं। सुन्दर धर्मशाला हैं, भोजनशाला है, उपाश्रय हैं। पालीताणा से सोनगढ़ जाते समय पीपरला आता हैं।
नोट किया हैं कि श्री भरत क्षेत्र के आगामी चौबीसी के सातवें तीर्थंकर उदयस्वामी के निर्वाण के पश्चात और आठवें तीर्थंकर पेढ़ाल स्वामी परमात्मा के जन्म के पहले श्री सीमन्धर स्वामी आदि बीस विहरमान जिनेन्द्र