________________
(४०१
राजस्थान विभाग : २ पाली जिला
समये के है । मूर्ति बहुत ही भव्य और सुंदर है । भमति में आरस की सादी पंचतीर्थी श्री पार्श्वनाथजी की मूर्ति नई है । भमति में श्री धरणेन्द्रकी मूर्ति आंटिधुंटीवाली है । जैन धर्मशाला १, भोजनशाला १, उपाश्रय ८ से १०, जैनों के घर लगभग २००० है।
पाली में ९ दर्शनीय देरासरजी है १ श्री नवलखा पार्श्वनाथजी नवलखा रोड बस स्टेन्ड, २ सुपार्श्वनाथजी का देरासरजी-गुजराती कस्बा, ३ श्री शांतिनाथजी का देरासर-केरिया दरवाजा, ४ श्री केसरीयाजी देरासर-भेस्वार रोड, ५ श्री गोडी पार्श्वनाथजी का देरासर-सोमनाथ रोड, ६ श्री भाखरी (मानपुरी) पार्श्वनाथजीका देरासर छोटी पहाडी पर २०० पगथी है । १ खरतर गच्छ श्री शांतिनाथजी का देरासरजी गोंढोंकावास । २ जालरवा दादावाडी, स्टेशन रोड । व्यक्तिगत जैन देरासरजी, १ केसरीयाजी देरासरजी मूलनायक श्री नवपल्ला पार्श्वनाथजी लाखोटिया रोड । २ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथजी देरासर डागागली ।
पाली स्टेशन मंदिर से ३ कि.मी. के अंतर पर है । पाली आवोने वीरजी आव्या आंगणीये, चंदना जुवे छे. जिला है | धर्मशाला है । नवलचंद संप्रतचंद की पेढी गुजराती
वाट रे; वीरजी आव्या आंगणीये ||9|| कटला पाली ३०६४०१ फोन नं. पीढी : ६७४७ - फोन नं. मंदिर
सादर राजकुमारी वळी बालकुमारी, चंदना अनुं छे नाम, और धर्मशाला : ६९२९
वीरजी आव्या आंगणीये ||२|| माथे मुंडेल वळी, पगमा छे बेडली, ओक पग उंबर
बहार रे, वीरजी आव्या आंगणीये ||३|| सूपडाने खुणे अडद ना बाकुळा, अट्ठमना उपवास रे,
वीरजी आव्या आंगणीये. ||४|| आनंदी जोयुं मुख पाछा ते वळीया,
पछी वरसे आंसुडानी धार रे.
वीरजी आव्या आंगणीये. 1/५// चंदना ओ वीरजीने पारणुं कराव्यु,
वरत्यो छे जय जयकार रे, विरजी आव्या आंगणीये. //६//
ननन
JABAR
पुराने महावीर स्वामी (२००० साल पहले का)