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राजस्थान विभाग : १ सिरोही जिला
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३०. उथमण तीर्थ
उथमण तीर्थ जैन देरासरजी
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मूलनायक श्री शंखेश्वरा पार्श्वनाथजी
मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी
गाँव के बहार पर्वत की तलहटी में यह मंदिर है । मंदिर के रंगमंडप में सं. १२५१ का मंडप बनाने का लेख है । कुएं पर १२४३ में यह मंदिर में धनेश्वर श्रावक और उसके कुटुंबीजनों की
ओरसे यह कुँआ बनाने का लेख है । श्रावण वद १० के दिन ध्वजा आरोपण होता है । मूलनायक की गद्दी के नीचे बहुत सुंदर नक्कासी है । धर्मशाला है । जवाई बंध स्टेशन २० कि.मी. । सिरोही २२ कि.मी. और शिवगंज १० कि.मी. दूर है । ता. शिवगंज.
ताराथी न अन्य समर्थ दीननो उद्धारनारो प्रभु, माराथी नहि अन्य पात्र जगमां, जोता जडे हे विभु; मुक्ति मंगल स्थान तो मुजने इच्छा न लक्ष्मी तणी, आपो सम्यग्रत्न श्याम जीवने तो तृप्ति थाये घणी.
३१. गोहिली
मूलनायक श्री गोड़ी पार्श्वनाथजी
यह मंदिर १३ वी सदी का है और बावन जिनालय है। मंदिर की रचना आकर्षक है । १२४५ में यहां के ठाकोरने कुछ भेट दिया है ऐसा शिलालेख है । मृगशीर्ष वद १० के दिन यहाँ मेला लगता है धर्मशाला है - सिरोही ३ कि.मी. और सिरोही रोड २० कि.मी. के अंतर पर है।
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