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राजस्थान विभाग : १ सिरोही जिला
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मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी
२७. लाज तीर्थ
२८. धनाणी
मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी
मंदिर के स्थंभ पर सं. १२४४ का लेख है । इसलिये यह पूराना मंदिर है। सं. १९७७ में जीर्णोद्धार हुआ है। धनारी के पू श्री महेन्द्र सू के वरद हस्तों से प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी। हाल मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी है। हर साल मृगशीर्ष मास की वद १० के दिन यहाँ मेला लगता है। धर्मशाला है यहाँ से सिरोही रोड १८ कि.मी. कोजरा तीर्थ ३ कि.मी. चामुंडेरी २३ कि.मी. दूर है। पो. कोजरा ता. पींडवाड़ा |
तारो०
तारो तारो हे प्रभुजी प्यारा, शान्तिनाथ भगवान तारो तारो हे प्रभुजी प्यारा, शान्तिनाथ भगवान भवसागरमा बुडता मुजने, उतारो भवपार; तुज वियोगे भवमां भमीयो, शांति न मळी लगार. तारो० आधि व्याधिने उपाधिमां, दाझयो अपरंपार; करुणादृष्टि महेर करीने, शांत करो आवार.. विषय कषायने वश थइने, गुना कर्या अपार जेवो तेवो दास जाणीने, माफ करो दयाळ. पुण्योदये तुम दर्शन पामी, तरियो आ संसार; हवे प्रभु मुजने दूर न करशो, ह्रदय धरीने प्यार. गुरु कर्पूर सूरि अमृत भाखे, विनतडी अवधार; भवोभव हुं हुं दास तमारो; नहि भुलु उपकार.
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तारो०
तारो०
तारो०
लाज तीर्थ जैन देरासरजी
मूलनायक श्री शांतिनाथजी
बनास नदी के तट पर धनारी गाँव में पूरोहित महोल्ले में यह । तीर्थ है। शिलालेख १३४८ के मिलते है। पहले यहाँ मूलनायक श्री आदीश्वरजी थे जीर्णोद्धार के समय पर शांतिनाथजी मूलनायक बनाये गये होगे जिनेन्द्र सू. म. के वरद् हस्तों से मूलनायक के रूप में श्री पार्श्वनाथजी को विराजमान किया गया है। स्वरूपगंज स कि.मी. है आबु सिरोही रोड़ पर १ कि.मी. अंदर की बाजु में है।
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