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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१
११. नांदीया तीर्थ
नांदिया तीर्थ देरासर तीर्थ व्यु
सुण्या हशे पूज्या हशे, नीरख्या हशे पण को, क्षणे, हे जगतबंधु चित्तमां, धार्या नहीं भक्तिपणे; जन्यो प्रभु ते कारणे, दुःखपात्र आ संसारमा; हा भक्ति ते फळती नथी, जे भाव-शून्याचारमां.
मूलनायक श्री जीवित स्वामी - महावीर स्वामी
मूलनायक श्री जीवित स्वामी (महावीर स्वामी) बड़ा बावन जिनालय है । मूलनायक श्री जीवित स्वामी की प्रतिष्ठा श्री नंदीवर्धन राजाने करवाई थी - यह मंदिर २५०० साल पूराना है । नीचे भमति में अमुक प्रभुजी है। सं. १२५०
और संवत १६५० के लेख है। सं. १२०१ में जीर्णोद्धार हुआ था सं.२००८ का लेख बहुत सी प्रतिमा के नीचे है । उस समय जीर्णोद्धार हुआ होगा । जैनों के १२० घर है । यहाँ का कारोबार जैन संघ द्वारा कीया जा रहा है । नांदिया प्राचीन गाँव है नांदिया गाँव में श्री मुनिसुव्रत स्वामी की प्रतिष्ठा सं. २०१८ में हुई थी - नया शिखरबंध देरासर है। लालचंदजी पींडवाडा वाले जीर्णोद्धार का वहीवट करते थे- यहाँ भोजनशाला भी है - सिरोही रोड १० कि.मी. - सिरोही शहर २० कि.मी. बामणवाड़ा ६ कि.मी. पर है।
नांदिया तीर्थ प्रभुवीर चरण स्थान