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________________ ३४०) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ madrama-HANS श्री महावीर स्वामी चरणपादुका जनम जयनि 4- बामणवाड़ाजी तीर्थ मूलनायक श्री महावीर स्वामी १०. वीरवाड़ा तीर्थ मूलनायक श्री विमलनाथजी मूलनायक श्री विमलनाथजी स्वामी का बड़ा देरासर है । इस के पहले यहाँ आदीश्वर भगवान मूलनायक थे - जो भमति में है। यह मंदिर संप्रति राजाने बनवाया था । सं १४१० में जीर्णोद्धार हुआ है । जैनों के ५० घर है - पहले २०० घर थे - यह सब पोरवाल जैन है - यह जिनालय बावन जिनालय है । यहाँ का कारोबार विमलनाथ जैन पीढी (ता. पिंडवाडा) हस्तक है । शेषमलजी हजारीमलजी जो यहाँ के ट्रस्टी है । उनकी ओर से माहिती मीली है । बाजुमें पुराना गाँव वासिया था । वहाँ एक संप्रति राजा का देरासर है। महावीर स्वामी मूलनायक है । बहुत खंभे है । सिरोही रोड १० कि.मी. है । सिरोही शहर १४ कि.मी. है । बामणवाड़ाजी १ कि.मी. है । यहाँ धर्मशाला है ।
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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