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________________ >>>>>>>>>>>>>>>>>> 送來來來來來來來來來來來來來來來來來吧來來來原 मूलनायक श्री चन्द्रप्रभ स्वामी श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग - १ १३. किल्ला पारडी किल्ला पारंडी जैन मंदिर मूलनायकजी - श्री चन्द्रप्रभ स्वामीजी पहले प्राचीन मंदिर था। जिसका सं. १९६३ में जीर्णोद्धार हुआ और दमण से श्री चन्द्रप्रभ भगवान की प्रतिमाजी स्थापित की। वर्तमान में पूरे मंदिर का जीर्णोद्धार किया है। देहरासर में श्री चन्द्रप्रभ स्वामी, श्री अभिनंदन स्वामी श्री धर्मनाथ स्वामी श्री महावीर स्वामी श्री शान्तिनाथ तथा श्री पार्श्वनाथ की प्रतिमाये आरस की सं. १९६३ में स्थापित की है। मंदिर के ऊपर के भाग में प्राचीन प्लास्टर आफ पेरिस का कामकाज हुआ है। अभी इसमें रंगरोगन कराकर आकर्षण पूर्ण बनाया है। ४० घर है। विहार का रास्ता है। समीप में अतुल उदवाड़ा वलसाड है। नेशनल हाईवे नं. ८ पास में है। पिन- ३९६१२५ १४. तीथल तीर्थ 送來樂來樂來來來來來來 नमो परिहंताएं नमो सिध्दाएंग नमो पायरिया नमो उवज्झायाण, नमो लोए सव्वसाहूणं एसो पंच-नमुक्कारो सव्व-पाव-प्पासा मंगलाएणं च सव्वेसि पदम हवड़ मंगलम 來來來來來來來來來來來來來必 ← मूलनायक श्री धातु के चिंतामणि पार्श्वनाथ 樂樂樂樂敏敏敏敏樂樂樂樂敏敏敏敏敏敏敏樂麻
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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