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गुजरात विभाग : १३ - खेड़ा जिला ।
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१८. कपडवंज
कपडवंज जैन मंदिर
मूलनायक श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी
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पार्श्व जिनेश्वर बन्दी अरे, त्रण भुवन शिरताज तारजो अमने नाथजी रे, त्रेवीसमा जिन राजा। पार्श्व....१ वाराणसी नगरी भली रे, अश्वसेन नरपति तास, वामा मातानो लाडको रे, ब्रोडे जे भवना पाश, पार्श्व ....२ लंछन सर्पनु शोभ तुंरे, करुणारस भंडार कमठ धरणेन्द्र उपरे रे, समकित तारुं उदार। पार्श्व....३ नवकार मंत्रना जापनो रे, प्रयोग नागने काज, करी प्रभु तार्यो तेहनेरे, बनाव्यों ते देवराज । पार्श्व ....४ अजब प्रतापी देखतारे, शरणे आव्यों देव, विनंती महारी ओक छेरे, जिनेन्द्र आपजो सेव। पार्श्व....५
मूलनायक - श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथजी वाघणवाली खड़की में यह मंदिर है।
शान्तिनाथ भगवान का वाणीया शेरी में २०० वर्ष प्राचीन मंदिर है। यहाँ पर प्राचीन मंदिर था जिसमें धातु की प्राचीन प्रतिमाजी थी वह मंदिर जीर्ण हो गया इससे संघ ने आरस प्रदक्षिणा वाले ३१ शिखर शिखरिओं वाला बनाये है। आ. श्री विजय लक्ष्मी सूरिजी म. की निश्रा में प्रतिष्ठित प्राचीन जैन मंदिर काष्ठ का था।
वि. सं. २०११ जेठ सुद ४ को पू. आ. श्री माणिक्य सागर सूरि जी म. एवं हेमसागर सूरिजी म. के वरद हस्त से अंजन शलाका के साथ प्रतिष्ठित भगवान विराजमान है। अखंड दीपक चालू है। मंदिर के पास में आ. श्री आनंदसागर सूरिजी म.सा. की गुरु मूर्ति की प्रतिष्ठा हुई है। जैनों के २०० से उपर घर है। धर्मशाला, भोजनशाला है। अहमदाबाद वडोदरा से बसे मिलती है। नडियाद गोधरा के समीप में है।