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________________ गुजरात विभाग १३. खेडा जिला QQ V W मूलनायक श्री सुमतिनाथजी S43 १३. उमेटा उमेटा जैन मंदिर मूलनायक श्री संभवनाथ भगवान तीन शिखर वाला गगन चुम्बी यह मंदिर ५०० वर्ष प्राचीन है। प्राचीन प्रतिमायें हैं। रायण-पगला (चरण पादुका) एवं चौमुखी मंदिर है। पू. लब्धि सू. महा की गुरु प्रतिमायादि है। यह मंदिर पूर्व में मुस्लिम काल में नीचे के भाग में भोंयरे में था । संप्रति काल में प्राचीन सुमतिनाथ है। तथा दूसरी ६०० वर्ष प्राचीन धातु प्रतिमाजी है। जैनों के १० घर है। बड़ोदरा से नवीन रोड पर ११ कि.मी. है। समीप में आंकलाव, कोसीन्द्रा, नवाखल, चमारा, ब्राह्मण गाम, गंभीरा, नवापरा है। १४. वासद मूलनायकजी - श्री संभवनाथ भगवन्त यहाँ पर २०० वर्ष पूर्व घर मंदिर था। मानों प्रतिमाजी का कोई संकेत था कि अचानक प्रतिमाजी चल गये। यह प्रतिमा छाणी से लाये थे संभवनाथजी जिनालय को ८५ वर्ष हो गये हैं। प्रतिष्ठा विधि वि. सं. १९६२ वै. सुद६ के रोज करने में आयी थी। जैनों के २५ घर हैं। अहमदाबाद- बम्बई हाईवे पर एवं रेल्वे उपर वासद आता है। वड़ोदरा से १५ कि.मी. है। HORN SKE SSESS (२७३ 興路選選選選選選選
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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