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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१
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मूलनायक-श्री नेमिनाथजी
खुदाई का काम करो - उसके अनुसार करने से प्रतिमाजी मिलीं। यहीं ६०० वर्ष पूर्व यह बहुत प्राचीन बावन जिनालय की टेकरी थी जो प्राचीन प्रतिमाजी वर्तमान में बावन जिनालय में विद्यमान है। अहमदाबाद जमीन मे से निकला है - कोई समय दट गया होगा। यह गाँव प्राचीन काल में जीर्णोद्धार कमेटी ने इस मंदिर का तीन बार जीर्णोद्धार किया है। रत्नावती नगरी कहा जाता था। बगल में कटोसण (धनपुर) नाम का गाँव वर्धमान तपोनिधि पू. आ. श्री विजय राजतिलक सूरिजी म. की निश्रा में था। वहाँ के श्रावक को अधिष्ठायक ने स्वप्न में कहा - जिससे उस स्थान में प्रतिष्ठा हुई है। धर्मशाला, भोजनशाला वि. की व्यवस्था है। मेहसाणा से खुदाई करते समय बावाजी की टेकरी में से सम्पूर्ण जिनालय बाहर आया। २८ कि.मी. है। पास में भोयणी तीर्थ है। कटोसण रोड संघ के प्रयास से जनता आश्चर्य चकित हो गयी। परन्तु मंदिर में से मूर्ति मिली नहीं। श्रावकों मंदिर बना है। तीर्थ कमेटी व्यवस्था करती है। ने तप किया। देव ने प्रगट होकर कहा- कि पास में ग्वालों के घर है वहाँ
३०. भोयणी तीर्थ
भोयणीतीर्थ श्रीमल्लिनाथजीजैन मंदिर