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________________ २ चंदन 3 पुष्प ४ धुप पूदीप ६ भत 9 नैवेध ८ फल १ जल श्री हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रंथमाला १ सिंह २ हाथी ३ वृषभ लक्ष्मी फूलमाला , चंद्र ७ सूर्य ८ ध्वज कलश १० प्रदद्म सरोवर Capta ३ दिव्य नी अशोक वृक्ष पुष्य वृष्टि श्री २ चंदन 3 वास ४ पुष्प माला ५ दीपक S = 0 १ जल र विलेपन ३ ची ४ व 26 Ps वरस युगल ४ चामर श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग- १ MOTOANO संयोजक संपादक : -: तपोमूर्ति पूज्य आचार्यदेवश्री विजय कर्पूर सूरीश्वरजी महाराजा के चू सिहासन ५ पुष्पा ६ पुष्य भाला, अंग रोइन रचना 00 - ग्रंथांक ३४६ २१ समुद्र १२ व १३ रत्न १४ मिं भा मंडळ बरास ९ ध्वज उदुभी पट्टधर हालारन्देशोद्धारक पू. आचार्यदेवश्री विजय अमृत सूरीश्वजी महाराजा के पट्टधर पू. आचार्यदेवश्री विजय जिनेन्द्र सूरीश्वरजी महाराज ६ धुप ७ पुष्प ८ अष्ट मंगल ९ अक्षत १० दर्पन ११ जैवद्य १२ ध्वज १३ फल 20 १२ पुष्प गृह १२ पुष्य अभिरन कृष्ण छत्र रफुल -: प्रकाशिका : श्री हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रंथमाला लाखाबावल शांतिपुरी (सौराष्ट्र) ३ अक्षत ५ चंदन ६ ६प ७ दीपक नये १३ अष्ट १४ दीप १५ गीत १६ नाटक १७ वाजत मंगल
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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