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________________ गुजरात विभाग : ८ - बनासकांठा जिला (१६५ HI-EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEN ७. दांता दांता जैन मंदिरजी मूलनायक श्री शान्तिनाथजी मूलनायक श्री शीतलनाथजी संप्रति राज्य के समय का प्राचीन मंदिर है। वर्तमान के मंदिर स्थल से खुदाई कार्य करते समय चार भगवान की चार प्रतिमायें निकली हैं जो इस स्थान में प्राचीन मंदिर था उसकी साबीति देती है। कुल १५ प्रतिमायें है। आदीश्वर दादा की पद्मासन अति प्राचीन प्रतिमाजी है। जमीन में से निकली श्री अजितनाथजी की भव्य प्रतिमा मलाड ट्रस्ट रत्नपुरी में मूलनायक है। वर्तमान में जीर्णोद्वार का कार्य चालू है । उपाश्रय है। भविष्य में पेढी, धर्मशाला भोजनशाला बनवाने का विचार है। यह दांता गाँव स्टेट था। प्राचीन नगर है। चारो ओर कोट है। जूना खण्डहर उसकी प्राचीनता बताते हैं। पालनपुर से बस-जीपें चलती हैं। याबागाय 來來來來來來來來來來來來噢噢來噢噢噢噢噢噢源
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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