SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 159
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२६) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ ८. ध्रांगध्रा श्री अजितनाथ जैन मन्दिर मूलनायक श्री अजितनाथजी मूलनायक - श्री अजितनाथजी यह प्राचीन मंदिर है ।इस राज्य में संवत १९२७ की साल में पर्युषण के दिनों में जीव हिंसा के निषेध का फरमान (आज्ञा पत्र) निकाला था इसका लेख है ।संवत १९८३ पौषवद-४ के रोज पाटणवाला सेठ नगिनदास करमचंद संघ लेकर यात्रा को निकला उन्होने जीर्णोद्धार करवाया है। उसका लेख मिलता है। नक्काशी के काम की प्राचीन कला देखने को मिलती है। दूसरा जीर्णोद्धार संवत १९९२ भा.सु.४ इस प्रकार लेख पढ़ने को मिलता है। श्री संभवनाथ मंदिर कपड़ा बाजार में है तथा महावीर स्वामी मंदिर महावीर स्वामी सोसायटी मेनरोड पर है। जैन भोजन शाला हैं रेल्वे स्टेशन पर सार्वजनिक धर्मशाला है। श्वे.मू.३००घर हैं। पेढ़ी - सेठ आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी ध्रांगध्रा दफ्तरी शेरी फोन | २०४ जि. सुरेन्द्रनगर,कच्छ हाईवे पर हैं। सुरेन्द्र नगर से ३५ कि.मी. है। बसें मिलती हैं। ९. हलवद मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी बहुत प्राचीन मंदिर है। प्रतिमा जी १००० वर्ष पुरानी है।३०० वर्ष पहले का यह मंदिर है। उसके पहले भी मंदिर था साबिति-साक्ष्य रुप में सोमपुरा | ब्राह्माण के घर में खाल कुआ खोदते समय १७ वर्ष पूर्व दो प्राचीन प्रतिमायें मिली थी। एक प्रतिमा ४०० वर्ष पूर्व मिली हुई श्री आदीश्वर तथा शीतलनाथजी हैं जो यहाँ के मंदिर में बिराजमान हैं उसमें यहाँ के मंदिर के मूलनायक के रुप में लेख है। अलाउद्दीन मुस्लिम काल में मूर्ति खंडित करने की प्रवृति चलती थी उस समय मूर्तियों को जमीन में भंडार कर देते थे। जिससे आज भी बहुत से स्थानों से प्राचीन प्रतिमायें जमीन में से निकलती हैं। ___संवत् १९५२ में फिर प्रतिष्ठा हुई है। दोशी परिवार ने प्रतिष्ठा करवाई है। मंदिर के वरंडे में ही उपाश्रय है।पीछे के भाग में भोजन शाला है। श्वे.मू. के ३० घर हैं ।सोमपुरा के १२००घर हैं।१६००० की बस्ती हैं। सुरेन्द्रनगर ध्रांगध्रा बहुत बसें मिलती हैं। बम्बई गाँधीधाम का रेल्वे स्टेशन हैं। ध्रागंध्रा से ३५ कि.मी., मोरबी से ४२ कि.मी. हैं। KP
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy