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________________ श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ 600 नवा जक्शन सावत्थि तीर्थ जैन मंदिर नवा जंक्शन जैन मंदिर मूलनायक श्री संभवनाथजी .. 000000000000000000 पू. आ.विजय अमृत सू.म. गुरुमूर्ति पू. आ. श्री विजय रामचंद्र सू.म. गुरुमूर्ति सावत्थी तीर्थ (सुरेन्द्रनगर) उपाश्रय और धर्मस्थानक ट्रस्ट प्लोट जामनगर के नकरे से जिनमंदिर तेयार | मूलनायक श्री संभवनाथजी हुआ है। प्रतिष्ठा २०४८ माघवदी १३ को पू.आ.श्री विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी पू. आ. श्री विजय रामचन्द्र सू. म. प्रथम गुरुमूर्ति है। तथा पू. आ. म. तथा पू.आ. विजयजिनेन्द्र सूरीश्वरजी म. की निश्रा में हुई। यह जैन श्रीविजय अमृत सूरी म. की गुरुमूर्ति की प्रतिष्ठा भी हुई है। उपाश्रय तथा हितवर्धक मंडल डोलीया के उपक्रम में सेठ श्री वनेचंद वखतचंद मेहता धर्मशाला की व्यवस्था भी हुई है। शंखेश्वर और कच्छ के विहार का मार्ग है। टीकरवाला (घाटकोपर) सहकार से तथा श्री हा. वी. ओ. तपागच्छ जैन नवीन जंक्शन गोडाउन के पीछे दुधरेज रोड । 38066
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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