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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१
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व्यवस्था - जामनगर श्री विमलनाथ जैन मंदिर पेढ़ी के द्वारा होती है। मोड पर स्टेशन से १ किलोमीटर है। समीप में दलतुंगी तथा रंगपुर में सुन्दर मंदिर है। लखीया मंदिर समीप में है।
मूलनायक श्री सुपार्श्वनाथजी ४०० वर्ष पूर्व का मंदिर हैं।
जीर्णोद्धार - अचल गच्छ मुनिराज श्री गौतम सागर म. सा. के सदुपदेश से शाह वर्धमान अमरसिंह सेठ ने इस जिनालय में सुमतिनाथ प्रभु की प्रतिमा वि. सं. १९९२ में वै. सु. ७ को विराजित करके जीर्णोद्धार करवाया हैं। २०३६ में पू. आ. श्री विजय जिनेन्द्र सू. म. के उपदेश से डबासंग जैन संघ ने जीर्णोद्धार का लाभ लिया हैं।
२७. पडाणा
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पडाणा जैन मंदिर
मूलनायक श्री संभवनाथजी
मूलनायक श्री संभवनाथजी हालार में सर्वप्रथम अंजनशलाका यहाँ पर हुई उसके साथ ही प्रतिष्ठा हुई, प्रतिष्ठा वि. सं. २०१३ जेठ सुद ३ को पू. आ. श्री अमृतसूरिजी म. तथा पू. आ. श्री विजय भुवन सूरिजी म. की निश्रा में हुई है।
हाईवे रोड़ से २ कि.मी. अंदर है। गाँव तक सड़क है। पास में ही रासंगपर नवागाम वि. मंदिर है। महाजन वाडी की व्यवस्था है।
अद्य मे सफलं-जन्म अद्य मे सफला क्रिया, शुभोदयो दिनोऽस्माकं जिनेन्द्र तव दर्शनात् ।
पाताले यानि बिंबानि यानि बिंबानि भूतले, स्वर्गेपि यानि बिंबानि तानि वंदे निरन्तरम्। .
सरस शान्ति सुधारस सागर, शुचितरं गुणरत्न महागर, भविक पंकज बोध दिवाकर प्रतिदिनं प्रणमामि जिनेश्वरं।
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