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________________ श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-2 २१. दांता મહાવી-ગામી मूलनायक श्री महावीर स्वामी दांता जैन मंदिर मूलनायकजी - श्री महावीर स्वामी प्रतिष्ठा - वि. सं. २००१ मगशिर बदी ११ को प्रतिष्ठा हुई है। प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजय मुक्तिचन्द्रसागरजी म. आदि की निश्रा में हुई थी। जीर्णोद्धार वि. सं. २०२२ में सेठ शामतभाई ने उत्साह से कराया है। यहाँ आयंबिल शाला है। २२. आराधना धाम - हालार तीर्थ ( वडालीआ सिंहण) जामनगर - जामखंभालीआ के हाइवे रोड पर यहाँ नवीन तीर्थधाम आराधना धाम सेठ नागपाल रायमल परिवार की ओर से भाई था' बना है। मूलनायक जी श्री महावीर स्वामी है। ९८ फुट ऊंचाई का शिखर है। वाघजी नागपाल भाई ने परिश्रम एवं उदारता से बनवाया है। ___पू. आ. श्री विजय प्रद्योतन सू. म. पू. आ. श्री विजयजिनेन्द्र सू. म.पू. जामनगर द्वारका हाईवे रोड पर वडालीया सिंहण के बगल में हालार आ. श्री विजय प्रभाकर सू. म. पू. पं. श्री वज्रसेन वि. म. की निश्रा में वि. तीर्थ मंदिर है। सं. २०४९ महा सुद १३ के दिन अंजनशलाका प्रतिष्ठा हुई है। विशाल संयोजक - शाह लालजी नांगपार रायमल चेरीटेबल ट्रस्ट समर्पण निधि। उपाश्रय, अतिथिगृह, आराधना भवन, भोजनशाला वि. की व्यवस्था है। पू. मुनिराज श्री महासेन विजयजी म. का यहाँ पर स्वर्गवास हुआ। उनका समाधि मंदिर है।
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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