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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भांग-१
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मूलनायक श्री अजितनाथ भगवान
प्रतिष्ठा - वि.सं. १९५२ माघसुद ५ विशेष - यहाँ पर पार्वतीबेन नामक श्राविका ने मंदिर बनवाया था, उसमें पहली प्रतिष्ठा के समय मूलनायक जिस स्थान पर थे, वहाँ उनको स्थायी रखकर दश वर्ष पूर्व मंदिर में बहुत सारा सुधार करवाया। २०३६ वैशाख सुदी १३ को दूसरे भगवन्तों की भी प्रतिष्ठा पू. आ. जिनेन्द्रसूरिजी महाराज की निश्रा में करवायी है। दो उपाश्रय वि. है। जामनगर से १३ कि.मी. है। जामनगर भाणवड हाईवे उपर गाँव हैं। शताब्दि महोत्सव बडे ठाठ से उजवाया है।
समीप में चंगा प्राचीन हरिपर आरीखाणा खीरसरां में मंदिर है। और दर्शन करने योग्य है।
अर्हन्त-मजितं विश्व कमलाकर भास्करम् आम्लान केवलाऽदर्श संक्रान्त जगतं स्तुवे
१२. डबासंग
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डबासंग जैन मन्दिर
ઉપૂમિ
मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी
मारुं न कोई विश्व मां मारा छो भगवान
हछु प्रभुजी आपनो राखो मारी शान, स्वारथना सहुछे सगा निस्वारथ भगवान,
लइलो मुझने शरणमां भक्ति करुं एकतान पतित ने पावन करो शरणागत प्रतिपाल,
आ सेवक नी अरजी सुणो, कापो कर्म जंजाल, ज्यां सुधी तनमा प्राण छे, तारुं शरणु अरिहंत
शासन तारुं शरण हो, भवोभव हे अरिहंत....
* मूलनायक श्री पार्श्वनाथ भगवान शिखरबन्द मंदिर है। प्रतिष्ठा वि. सं. १९६१ माघ सुदी-५
जीर्णोद्धार वि. सं. २०२३ में हुआ है। जामनगर-भाणवड रोड पर लालपर से १० कि.मी. है। जामनगर-पोरबन्दर ट्रेन यहाँ से निकलती हैं। पास में मच्छु बेराजा मंदिर है।
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