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________________ विहि- जिणभवणे गमणं, विहि- जिणभवणे गमणं, (गाथा.) २१ विहिजुंजण ७ सम्मठावण- (सं.प्र.) २५७ (गु.त.) ३।१८८ (आरा. २) ४३८ (पंचा.) १४६ (वि.सा.)६४० (पंच.) १५७८ विहिणा इमेण जो विहिणा इमेण धीरो विहिणा उ कीरमाणा विहिणा उ कीरमाणा विहिणा उ देववं खवि विहिणा गुरुविणणं विहिणा जिर्ण जिणगेहे विहिणाणुवतिआ पुण विहिणाणुव्वयहणं विहिणा तं निम्माणं, विहिणात्य वंदित्ता, विहिणा पडिपुण्णम्मि विहिणा पारिय सम्मत्तसुद्धि विहिणा वायणायरिओ (उ. प.) २७ (श्रा.वि.) ६ (पंच.) २७ (उ. प.) ५७३ (हि.उ.) १६४ (श्रा. दि.) १५५ (पंचा.) २३० (प्र.स. १८ ( य.च.) ३६ (पंचा.) ७९० विहिताणुद्वाणत्तं तस्स विहिताणुट्ठाणपरो सत्तणुरूव- (पंचा.) विहितुत्तरमेवेदं अतिप्प ६७१ (ध.सं.) २९१ (पंच.) ५९६ (सं.प्र.) ५९९ विहिदाणम्मि जिणाणं विहिपडिवण्णचरित्तो विहिपडिवन्नचरित्तो, गीयत्थो (पु.मा.) ३२९ विहिपडिवनचरित्तो, दढ- (पु.मा.) १३६ विहिपडिसेहा उ कसो (ध.प.) ८७ विहिपाहणेजेवं भणिअं (पंच.) २४४ विहिपूया साहेइ सग्गफलं (सं.प्र.) ७८ विहिभासओ १ विहिकाओ (सं.प्र.) ९२७ (प्र.प.) २२२ (आय. १) ३४६ (प.आ.) १०४ (वि.मं.) २७ (सु.गु.) ४२ ( नव. ४) ४० (भ.भा.) १९६ (सं.प्र.) १५१७ (दा.मा.) २६ (ग.सा.) २० (सु.गु.) १९ (आरा. १) २९९ (प.आ.) ५७ (आय. १) ७२५ (पंचा.) ७९१ (पंचा.) ८९० (सं.प्र.) ९४३ विहितं पुण पगरण विहियं तह साहज्जं विहियं तह साहि विहियं यावच्च विहिणा विहिय जिणसमयविहिवारे गेहे सरे विहियपमाया केवलसुहेविहियप्पकयालोय - लोयणो विहियमई तवचरणे बहिरं विहिया अणगूहियविरिय - विहिया अणिगृहियबिहिया इऽन्नजम्मे विहिया इहऽन्नम्मे, विहियाणसनो खगो विहियाणुाणं चिय विहियाणुद्वाणं पिय विहियाद्राणं पुण व विहियाणुट्ठाणं पुण विहिया - ऽणुट्ठाण - परो, विहियाणुट्ठाणमिणं “विहिया - ऽणुट्ठाणमिणं" विहियाणुट्ठाणम्मी एत्थं विहियाणुट्ठाणाओ पाएणं बिहिया धनकोडीओ विहिया य संघपूया विहिया य संघपूया विहिलइयहि जई जिय विहिवयणं च पमाणं, विहिवा उवएसम्मि विहिवार विहिधम्मं भासइ विहिवार्य नयवायं आगम विहिसारं चिय सेवइ विहिसारं चिय सेवइ विहीए सुत्तओ तम्हा विहुरम्मि हुति सरणं, विहुलं विसंठुलं जाण वीईपरंपरेनं घोलंतं वीरं जयसेहरपयपइट्टि वीरं तिलोयनाहं, वंदिअ वीरं नमिठं सम्मत्तमूलमंगी वीरं नमिकण जिणं सुआणु वीरं नमिऊण तिलोयभाणुं, वीरं सुकझाणग्गि वीरं सुकझाणग्गिदडुकम्मि वीरजिणंद नमवि जगनाह वीरजिणं नमिऊणं, वीरजिणकहियसत्तमपुढवी वीरजिणजम्मसङ्कन्तभासवीरजिणपुव्वपि वीरजिणा गुणवीसं, वीरजिणा पुव्वगयं, वीरजिणेणं ठविअं, तित्थ - | वीरजिणेणं ठविअं, तित्थम| वीर जिणेसरपंचमगणहारि वीरजिणे सिद्धिगए बारस वीरजिणो जड़ देवो, वीरजिणो जइ देवो, बीरपठमंतरं पुण वीरपयकथं नमि वीरपसंसियतव रूववीरपहुप्पसुयेहिं, गंगतरंगु ३२ (न.भा.) १४ (स्त) ७८ (पंचा.) २४८ (स्त) ३४ (पंचा.) ७८० (पंचा.) ९० (न.मा.) ६ ७ (आय. १) ३३७ (प.आ.) ९५ (प्रा.सं.) १०१ (जि.प्र.) ४२ (स.शा.) २४८ (सं.प्र.) ८२० (सं.प्र.) ९६९ (सं.प्र.) १९२ (ध.र.) ९१ (मू. शु.) ६३ (हि.उ.) १७८ (पा.ल.) २६४ (धूर्ता.) १२२ (स.क्षे.) १ (सं.श.) १ (श्री.न.) १ (य.च.) १ (श्रा.दि.) १ (ध्या.स.) १ (सं.प्र.) १३११ (ईर्ष्या.) १ (स.शा.) १ (ऋषि) ५३ (प्र.प.) ७ (ऋषि) ४६ (का.स.) ४४ (का.स. ) ४२ (स.श.) ९५ (व्या. वि.) ६८ (जं. कु.) २ (र.सं.) २६६ (स.श.) ९७ (व्या. वि.) ६९ (का.स.) ३२ (वि.पं.) १ (ऋषि) प्र. २५ (सं.श.) १०१ वीसउरी पडो दत्तो (साधु) ४० (आय. २) ५७६ (मु.कु.) ११ (प्र.सा.) ४५७ (वि. सा. ) ६० (क.वि.) ५ वीरपुरिसपरिहाणि वीरमईए सूरंगचोरदट्ठोवीरवरस्स भगवओ उववीरवरस्स भगवओ वोलिय वीरवरस्स भयवओ वोलिय | वीरस्स अट्ठियग्गा | वीरस्स पए पणमिय, वीरस्स पढमपिअरो देवावीरस्स मिडियग्गामे वीरस्स सत्त रयणी उच्चत्तं वीरस्स सत्तावीसा बारस वीरासन पलियंक वीरासणाइएहि, अगणंता वीरियआयारं पि वीरियवग्गणफड्डगअसंखवीरियविरहाओ च्चिय, वीरियसजोगयाए, संचारा वीरु १ सहाण २ पमाओ, वीरु १ सहाण २ पमाओ, वीरेण समाइट्ठो तित्थोवीरो अरओ नेमी पासो वीरो अरिदुनेमी पासो वीरो अरिदुनेमी पासो | वीरोसहनेमीणं, जंभिअवीरोसहनेमीणं, पलिअंकं - | वीवाहकोडगेहि रइसंगवीवाहे तह गाहाणे वीसं उक्कोसपए बर्हति वीर्स उकोसपए, बहुति | वीसं गयदंतेसुं कुरुदुम वीसं च अहोरते जोइत्ता वीसं जोयणकोढी, वीसं पंच य सिट्ठा समए वीसं परमाणुलक्खा सत्ता - वीसं बंधे बंधणसंघाया वीसं बारटु इगं तिहाउ वीसंभाणमिणं सम्भावजढे वीसंभनिब्भरं पि वीसं वीरस्स उवसग्गा वीसंसद्अंगुलहाणि, वीसं साहस्सीओ सोसाणं वीसं सोलस पनरस, वीसइमसउद्देसे चउप्पएवीसउरीए पयडो दत्तो (गु.ष.) १ (सप्त.) १०० (क.वि.) २ (प्र.सा.) ४१८ (र.सं.) ४२ (आरा. २) १४५ (हि.ज.) ४८५ (आरा. ५) २७ (श.भा.) १००० (चे.म.) ७५५ (चे.म.) ४४० (सप्त.) १७८ (गाथा.) ६२३ (ति.गा ) ६८१ (वि. सा.) १२९ (तिगा) ३८६ (श.सं.) २४ (सप्त.) १८४ (सप्त) ३१६ (fla.fa) ४८ (ध.सं.) ८८३ (प्र.सा.) ६९१ (गाथा.) ४१६ (वि.स.) २४ (जो. प.) २६५ (दी.प.) २३ (आय. ३) १०४ (प्र.सा.) १३९२ (क.भा.) २ (धातू.) ४९ (प्र.सा.) १६७ (आय. २) ५७० (क.वि.) ४ (सप्त.) १३२ (वि.गा) ४९२ (दि.शु.) १४१ (वि.ज.) ६३ (उ. प.) ५६२
SR No.002422
Book TitlePrakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages446
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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