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जाणतो वि तमत्थं भत्तीए
जारिस वण्णी कीड तित्तिय जाणंतो वि तमत्थं भत्तीए (ध.मा.) ३७ जा तंपि तेरसूणं, चउसइमाइ (प्र.स.) ३१ जायं पाणिग्गहणं (न.मा.) ११६९ जाणतो वि य कम्मोदएण (आरा.१)७७१ जा तत्थ दाणधारा लोए (उ.प.) ४५५ जायइ अतिप्पसंगो एवं (ध.सं.) ८७८ जाणतो विरइगुणे, (उ.चि.) ८२ जा तत्थ दाणधारा लोए (पंच.) ३५० जायइ अभावचरणं दुवाल- (य.स.) २१ जाणतो विसखाणू पवत्तमाणो (ध.सं.) ५३९ जाता पिंडियवोच्छंतो (श.भा.) ६०८ जायइ गुणेसु रागो (य.स.) १२० जाणतो सिक्खविओ (प्रा.सं.) ५३ जा तित्थं अणुवित्ती, (गु.त.) १११९० जायइ गुणेसु रागो (ध.र.) १२० जाणइ अ जहा भोगिड्डि- (उव.) २०३ जा तिय ता न विकप्पं (ज्यो.सा.) १३१ जायइ निद्दाभंगो, जया (उ.चि.) २२१ जाणइ असुद्धिमेसो आहा- (वि.वि) २५९ जातीसरो उ भयवं (ति.गा) १०४९ जायइ य नीलसंवेदणाउ (ध.सं.) ७०७ जाणइ उप्पण्णरुई जइ ता (उ.प.) ५१२ जा तुम्ह धीरिमा धीर (गु.वि.) १४ जायइ य सुहो एसो उचिय- (पंचा.) ४१३ जाणइ एस अणत्थं, (षट्) १०२ जा तेसिं अम्हाणं, (त.त.) ३७ जायइ विसं पि अमयं (ध.मा.) ४७ जाणइ जणो मरिज्जइ, (ध.कु.)३ जा दव्वे होइ मई अहवा (र.सं.) ८५ जायइ सचित्तया से गिम्हम्मि (प्र.सा.) ८८२ जाणइ जणो मरिज्जइ (जी.प्र.) २७ जा दिट्ठिदाणमित्तेण (आरा.२)५२ जायइ सचित्तया से गिम्हम्मि (वि.सा.)२५८ जाणइ जिणिंदभणियं, (षट्) ७९ जा दुचरिमो त्ति ता (पंच.) ४७४ जायइ सचित्तया से गिम्हम्मि (गाथा.) ८६ जाणइ दिक्खइ संभलइ (संवे.) १० जा दुप्पसहो सूरी होहिंति (प्र.सा.) १४३७ जायइ सुपत्तदाणं, भोगाणं (पु.मा.) ५२ जाणइ फासुयदव्वं (आरा.१)६१ जा देवसिअंदुगुणं (पंच.) ४५० जायण दाणा विग्गह गहराग- (उ.प.) ६९९ जाणइ य जह मरिज्जइ, (उव.) २०५ जा न विहाई रयणी तावय (आ.शा.)१५ जायणपुच्छाणुण्णावणपुट्ठ- (पंचा.) ८५५ जाण कडक्खं अवंगं (पा.ल.) २३४ जा नाडी वहइ धुवं तं (ज्यो.सा.) १९२ जायणसंमुच्छणमो धुवणे (ध.सं.) १०१७ जाण करंबं तोत्तर्डि, (पा.ल.) १६३ जा नियकंतं मुत्तुं (शी.उ.) ४८ जायमणंताणंतं जहण्णयं (सू.सा) १४७ जाण जिणिदो निवसइ (षष्ठि.) ६७ जा निव्वत्तणकंडं (पं.सं.) ४८४ जायमाणस्स जं दुक्खं, (दे.श.) ९३ जाणण गहणणुपालण- (पं.सं.) ७६३ जा पडिवक्खक्कता ठिइओ (पं.सं.) ४८० जायमाणस्स जं दुक्खं, (दे.कु.) १७ जाणण विज्जेसविमाणघडण (उ.प.) ९८१ जा पढमाए जिट्ठा, सा (त्रै.दी.) ३२५ जायमाणस्स जं दुक्खं, (भ.भा.) २७४ जाण न जम्मो न जरा, (आ.प्र.) ३८ जा पढमाए जेट्ठा सा बीयाए (प्र.सा.) १०७६ जायम्मि अड्डरत्ते, गिण्हइ (उ.चि.) ३६९ जाण न बन्धो जायइ (पं.सं.) ५७३ जा पणवीसइपंती, दुगिहा (गु.त.) २।३०२ जायम्मि देहसंदेहयम्मि (उव.) ३४५ जाण न विसओ घाइत्त- (पं.सं.) १५९ जा पणिअयम्मि जिप्पइ (धूर्ता.) ३०० जायम्मि महापउमे (ति.गा) १०४२ जाण मोगीय गुणा मरणं (आ.अ.)४० जा पन्नासमसंखा, तो (सि.दं.) ४ जायम्मि वसंतमहे (न.मा.) ६३ जाणविमाणपभाए (ति.गा) १०३७ जा परदोस समुल्लवइ (संय.) ३१ जायसमत्तविभासा बहुतर- (पंच.) १३३५ जाण-विमाणारूढा (ति.गा) १०३६ जा पुण अणाइमिच्छा- (ध.सं.) ३१० जाया अक्खयजोणी जोअण-(धूर्ता.) ३७३ जाणविवत्ती फलगं तीरे (उ.प.) ३१ जा पुण एअविउत्ता सुह- (पंच.) १५८७ जाया इमाओ बत्तीस (श.भा.)५६४ जाण सवायं डोंबं सोंडं (पा.ल.) २४८ जा पुण चउत्थभागो (अ.स.) ५७ जाया कइणो के के (ग.सा.) १४० जाण सिचयं कडिल्लं (पा.ल.) ६९ जा बायरो ता घाओ, (पं.सं.) १९३ जाया तरुणी आभरण- (आ.बो) ११ । जाणह य मज्झ थामं (आरा.२)३४९ जा बायरो ता वेएसु (पं.सं.) ३० जाया पुरम्मि संती, तत्तो (चे.म.) ५९७ जा णावज्जियकरणं (कर्म.) ३०१ जा बावीसं अयरा, अंतिम- (त्रै.दी.) ३३ जाया य देहपीडा अणुकंपा (उ.प.) ६४६ जाणाहि सीयलाओ (ति.गा) ५०७ जामजुगम्मि अइगए (न.मा.) ११७० जाया वयट्ठियस्स वि कया (यु.प्र.) ५ जाणि असायजहन्ने उदहि- (कर्म.) ६१ जामाइमुहा चउ चउ, (दि.शु.) १०९ जायावहारिणीए कत्थइ . (आरा.३) १४२ जाणिज्जइ चिंतिज्जइ, (उव.) २०४ जामुणिया विण्णेया (र.प.) ६१ जा रत्ति जारस्थिणमिह (ग.सा.) ११२ जाणिज्ज मिच्छदिट्ठी जे (षष्ठि.) १४२ जामुत्तरदारदुर्ग सेसेसु (ल.क्षे.) ४७ जा रिद्धी अमरगणा, भुंजंता (गु.ह.) ७ जाणिज्ज मिच्छद्दिट्ठी जो (सं.प्र.) ९०१ जामुत्तरदीहेणं दससयसम- (ल.क्षे.) २२५ जारिसओ जइभेओ जह (न.प्र.) २ जाणिय अणागय चिय (गु.वि.) ३५ जामुत्तराउ ताओ (ल.क्षे.) ११९ जारिसतारिसवेसो जहा (सं.प्र.) ८२ जाणिय तत्तं पि मणो (म.भा.) २३ जा मे वयरपरंपर कसाय- (च.प.) १० जारिसतारिसवेसो, जहा (चे.म.) ६१ जाणुअ मुहसुत्ताओ (बि.प.) ४ जायं केवलनाणं अज्ज- (वि.सा.)४८८ जारिसयं गुरुलिंगं इच्चा- (ध.सं.) ११११ जाणेज्ज सव्वत्थ तुमं (ध.गु.) २४ जायं चुलसीइ सहस्सा, (बृ.क्षे.) ६४१ जारिसयं गुरुलिंगं सीसेण (ध.सं.) ११०९ जाणे सकारंय(काय)गरुए, (ज.पा.) १६४ जायंति अपच्छाओ, (ध.कु.) २६ जारिसयं जं तित्थं मूलुत्तर- (सं.प्र.) १५१० जाणे सवग्गगरू(गुरु)ए, (ज.पा.) २१ जायंति अहोलोए भवणवई- (वि.वि.)५४ जारिसय(य) परपक्खं, (ज.पा.) ८९ जाणेह काल होरा पढमा (ज्यो.सा.)३० जायं पंकम्मि जलम्मि (आरा.२)६४२ जारिसया उप्पज्जइ मह देहे (जी.प्र.) १३ जातं खु सुहविहारं (ति.गा) ९९० जायं पयागतित्थं देवेहि (ऋषि.) ९९ जारिस वण्णी कीरइ तित्तिय (द्र.प.) ३४
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