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गिण्हिज्ज आरनालं अंबिल
गीयत्थो कयकरणो, गिहिज्ज आरनालं अंबिल- (य.च.) १०२ गिहमुद्दा पत्तिग्गह कुरूव- (उ.प.) ७२९ गिहिसाहूभयपहवा उग्गम- (पंचा.) ६४१ गिण्हेइ पयणुदोसे, (हि.उ.) १२५ गिहरिक्खं वेय४हयं नवभाए (वा.सा.)५६ गिहीणं जे उगेहाओ, (व्य.कु.)३२ गिद्ध-भिलुंग-हलाहिय- (प.आ.) १९१ गिहरिक्ख सामिरिक्खं (वा.सा.)६० गिहे भोगे जलमादी (ध.सं.) १०७८ गिद्ध-भिलुंग-हुलाहिय- (आरा.१) ४२० गिहवावारविमुक्के बहुमुणि- (षष्ठि.) ६४ गीअं भण्णइ सुतं, (गाथा.) २४७ गिद्धाइभक्खणं गिद्धपिट्ठ (प्र.सा.) १०१६ गिहवावारविवज्जण- (सं.प्र.) १४० गीअ-आरामेसु उव्वाउलं, (दे.ना.) १३४ गिद्धिसढभावविरहा (साधु.) ८ गिहवावारविवज्जण-गुणाओ (सं.प्र.) १२२ गीअत्थ जायकप्पो अग्गीओ (पंच.) १३२९ गिम्हम्मि मरुत्थलवालुयासु (भ.भा.) २०० गिहवासं पासं पिव मन्नतो (ध.र.) ६६ गीअत्था कयकरणा कुलजा (पंच.) १३१७ गिम्हसिसिरवासासुं, (गु.त.) २२२७९ गिहसामिसुहत्थेणं (वा.सा.)४८ गीअत्थो अविहारो, (गाथा.) २४६ गिम्हायवसंतत्तो, रण्णे (वै.श.) ८१ गिह होराई लग्गे, (ल.शु.) ८७ गीअत्थो उ विहारो बिइओ (पंच.) ११८० गिम्हासु तिण्णि पडला, (गाथा.) ५४३ गिह १ होरा २ दिक्काणा, (ल.शु.) ७९ "गीअत्थो य विहारो, (स्त.) ७१ गिम्हासु तिन्नि पडला (पंच.) ८०३ गिहि १ अण्णतित्थिआणं (गाथा.) २९९ गीअस्स ण उस्सुत्ता तज्जु- (पंच.) ११८१ गिम्हासु पंच पडला छप्पुण (पंच.) ८०५ गिहिअण्णसलिंगेहिँ, (सि.प्रा.) १०१ गीअस्स णो उस्सुत्ता, (स्त.) ७२ गिम्हासु हुंति चउरो (पंच.) ८०४ गिहिकज्जे वि विगिचइ (सं.प्र.) १०७२ गीआणऽसमत्ताणं, (गु.त.) २२२६१ गिम्हुत्तराण, परतित्थगमण (मिथ्या.)४ गिहिचेइएसु न घडइ, (चे.म.) १९२ गीतत्थो कडजोगी चारित्ती (पंच.) ३१ गिम्हुम्हहयस्स दुयं (आरा.२)७०२ गिहिछउममुणिजिणाण- (सं.प्र.) २८८ गीयं अमियं इटुं नहु व (आ.शा.)२ गिम्हे कंताराइसु तिसिओ (भ.भा.) २१७ गिहि जिणपडिमाए भत्ति- (प्र.सा.) ६६० गीयं कप्पनिसीहाइ सुत्तं (सं.प्र.) ८१८ गिरिउवरि सवेइदहा (ल.क्षे.) ३४ गिहि जिणपडिमा भत्ति- (वि.सा.)५९० गीयणिवेयणमागम (उ.प.) ८९३ गिरिकण्णी किसलपत्ता (सं.प्र.) १२०८ गिहिजिणबिंबपइट्ठापुण्णिम- (प्र.प.) ८७९ गीयत्थं संविग्गं, आयरिअं (उव.) ३७६ गिरिकन्न १६ किसलयपत्ता (र.सं.) ४४१ गिहिणा सपरग्गामाइ- (पिं.वि.)४६ गीयत्थगुरुसमीवे (प.आ.) १३ गिरिकन्नि किसलपत्ता (प्र.सा.) २३८ गिहिणो इह विहियायंबिल- (सं.दो.) १०४ गीयत्थचरित्तीण य, सेवा (स.स.) १० गिरिकनि१६ किसलपत्ता (वि.सा.)७८६ गिहिणो गिहत्थमूले (गु.श.) ४५ गीयत्थजायकप्पो अगीओ (य.स.) १६२ गिरिकरिकूडा उच्चत्तणाओ (ल.क्षे.) ७३ । गिहिणो पडुच्च दिवसं (प्रत्या.) १६४ गीयत्थ जायकप्पो अगीयओ (प्र.सा.) ७८१ गिरि गंधमायणो (बृ.क्षे.) २६२ गिहिणो पाणागारा (प्र.प.) ५२२ गीयत्थपरिग्गहओ, (गु.त.) २२२६२ गिरि-गहण-विवर- (आरा.१)६११ गिहिणो पाणागारोच्चार- (ओ.) ५ गीयत्थपरिग्गहियं । (न.मा.) १२।२० गिरिनयरे तिन्नि वयंसियाउ (न.प्र.) ५१ गिहिणो पुण संपज्जइ (पंच.) २२५ गीयत्थपायमूले हुंति (आरा.२)२७१ गिरिनिसढनीलवंतेसु (मं.प्र.) १४ गिहिणो पुण सागरिओ (प्रत्या.) ११३ गीयत्थपारतंता इय दुविहं (ध.र.) ८९ गिरिवित्थरदीहाओ अडुच्च- (ल.क्षे.) ८३ । गिहिणो पुण सो भावो, (चे.म.) ८०१ गीयत्थपारतंता, वक्कजडते (गु.त.) १।१२५ गिरिसिर १ पणाल २ मरु- (उप.) १५ गिहिणो वि दिसाबंधो (उत्सू) १८ गीयत्थवयणणाहा मग्ग- (सं.प्र.) ११६ गिरिसिहरग्गिहि वरसि- (हि.कु.) ११ गिहिणो वि सीलकणयं (ऋषि.) ८३ गीयत्थसाहुजणपायमुवास- (श्रुता.) २३ . गिरिसुअपुष्फसुआणं, (उव.) २२७ गिहिणो वेआवडिए. (पु.मा.) ४२५ गीयत्था गुरुणो जं (व्य.कु.)३५ गिह गाम खलय करसणि, (ज्यो.) ६० गिहिदिसबंधरयाणं, (गु.त.) ११६३ गीयत्था जुगपवरा (सं.दो.) १०१ गिहजिण पडिमा भत्ती- (र.सं.) २४४ गिहिदिसिबन्धो तह (पं.लि.) ११ गीयत्थाणं गुरूणं (सं.दो.)४ गिह१ जोइ२ भूसणंगा३ (र.सं.) ३३५ गिहिधम्मकहापीई, निंदाऽ- (श्रा.ध.) ९ गीयत्थाणं पुरओ सच्चं (सं.प्र.) ८२४ गिह १ जोइ २ भूसणंगा (गाथा.) ३१३ गिहिपुरओ सज्झायं (सं.प्र.) ४९७ गीयत्थाणं सुसीलाणं (मू.शु.) ६६ गिहत्था वि सुसीला जे (श्रुता.) ६५ गिहिलिंगं पि न एतं (ध.सं.) १०६८ गीयत्थाण गुरूणं (आरा.१)१४५ गिहदेवयाइसरणं वामंगुट्ठय- (वि.वि) ४५ । गिहिलिंग-कुलिंगिय- (दं.प.) १०६ गीयत्था संविग्गा निस्सल्ला (सं.प्र.) ७३३ गिहदेवालं कीरइ दारुमय (प्रा.वि.)५३ गिहिलिंगसिद्ध भरहो५ (र.सं.) ३५४ गीयत्था ससहाया, असमत्ता (गु.त.) २२५४ गिहदेवालयसिहरे धयदंडं (प्रा.वि.)५८ ।। गिहिलिंग सिद्ध भरहो, (न.त.) ५७ गीयत्थेणं दिण्णं सुद्धं (सं.प्र.) १५४० गिहपडिमाणं पुरओ (वि.सा.)५९३ गिहि १४३ वय केवलिका- (सप्त.) १७ गीयत्थेणं दिण्णं सुद्धि (आ.प्र.) १७ गिहभूमि सत्तभायं (वा.सा.) १९ गिहि वय गुरूत्त बारस, (का.स.) ५३ गीयत्थेणं दिन्नं, सुद्धि (पु.मा.) ३६१ गिहभूमि सत्तभायं (ज्यो.सा.) ७४ गिहिवावारपरम्मुह (सं.प्र.) १०२५ गीयत्थेणं दिन्नं सुद्धि (प्र.सा.) ८५८ गिहमज्झं मुत्तूणं, (श्रा.दि.)३०२ गिहिवावारपरिस्सम- (गाथा.) २६८ गीयत्थेणमगारच्छक्कमिह (सं.दो.) १४८ गिहमज्झि अंगणे (वा.सा.)९० गिहिवावारपरिस्सम- (षष्ठि.) २० गीयत्थो अविहारो बीओ (य.स.) १५९ गिहमागयाणमुच्चियं (पं.लि.) ७५ गिहिसंघायं जहिउं, (गु.त.) २२१४० गीयत्थो कयकरणो, (गु.त.) २।३००
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૧૧૪.