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एग पंडियमरणं मरिऊण
एते ओघं तरिस्संति, एग पंडियमरणं मरिऊण (म.प.) २२ एगऽप्पे अजिए सत्तू, कसाया (उत्त.) ८५१ एगा हिरनकोडी अट्ठव (आ.) ११३ एगं पडुच्च हिट्ठा तहेव (आ.नि.)८९९ एगबइल्ला भंडी पासह (द.नि.) ९० एगाहेण तवस्सी हविज्ज (म.प.) १३३ एगं पडुच्च हेट्ठा जहेव (विशे.) २९२२ एगबहू समणुण्णाण (ओघ.) ८१ एगिदियदेवाणं नेरइयाणं (सू.नि.) १७३ एगं पायं जिणकप्पियाण (ओघ.) ६८० एगब्भूओ अरने वा, (उत्त.) ६५९ एगिदियसरीरादी लोमाहारो (प्रज्ञा.) २१९ एगंपि असद्दहओ (विशे.) २७५२ एगभविए य बद्धाउए य. (सू.नि.) १४६ एगुणतीस आवस्स- (उ.नि.) २५ एगंमिवि जम्मि पए संवेगं (आ.प.) ५९ एग भवियबद्धाउए य (सू.नि.) १८६ एगुप्पाएण गओ (विशे.) ७८७ एगअहोरत्तेणवि दढपरिणाम- (म.प.) ६३७ एग मुगुंदा तूरं एगं (उ.नि.) १५१ एगुरुयपरिक्खेवो नव (जीवा.) २५ एग एव चरे लाढे, अभिभूय (उत्त.) ६६ एगमेगस्स णं भंते! (त.प.) ६० एगूणवन्नऽहोरत्ता, (उत्त.) १४९६ एगओ विरई कुज्जा, (उत्त.) १११८ एगम्मि वि जंमि पए (विशे.) ३०२० एगेंदियाइभेया (विशे.) २९९९ एगओ संवसित्ताणं, दुहओ (उत्त.) ४४८ एगम्मि वि जंमि पए (विशे.) ३०२१ एगेगेंदियगज्झा (विशे.) १९९० एगकज्जपवनाणं, विसेसे (उत्त.) ८३७ एगयराणुवउत्ते तद्- (विशे.) ३१०३ एगे चरे ठाणमासणे, (सूत्र.) १२२ एगकज्जपवन्नाणं, विसेसे (उत्त.) ८४३ एगया अचेलए होइ (उत्त.) ६१ एगे जंबुद्दीवे दुगुणा (दे.प.) १५० एगक्खेत्तेऽणंता किह (विशे.) ३१८१ एगया खत्तिओ होइ, तओ (उत्त.) ९८ एगे जिए जिया पंच, पंच (उत्त.) ८४९ एगक्खेत्तेऽणंता पए० (विशे.) ३१८० एगया देवलोएसु, नरएसुवि (उत्त.) ९७ एगेण अणेगाई पयाई (उत्त.) १०६४ एगखुरा दुखुरा चेव, (उत्त.) १५३५ एगरस एगवण्णे (उ.नि.) ३३ एगेण वत्थुणोऽणेग० (विशे.) २१८० एगग्गस्स पसंतस्स न (आ.नि.)६९३ एगविहं दुविहेणं इक्किक्क- (आ.नि.)१५५९ एगेण वावि एसिं मणम्मि (पि.नि.) ६१२ एगच्छत्तं पसाहित्ता, (उत्त.) ५७१ एगविहमणाणत्ता (उत्त.) १४५५ एगेण विसइ बीएण (विशे.) १४६४ एगट्ठा एगवंजण एगट्ठा (पि.नि.) १३० एगविहमनाणत्ता, सुहुमा (उत्त.) १४४१ एगेणवि से पुन्ने दोहिवि- (भग.) ७४ एगट्ठिभाय काऊण जोयणं (दे.प.) ८५ एगविहाइदसविहो (पि.नि.) ६० एगो अ सत्तमाए पंच (आ.नि.)४१३ एगट्ठियाणि तिण्णि उ (विशे.) १३६६ एगवीसं जोयणसयाई (दे.प.) २६९ एगो एगित्थिए सद्धिं, जत्थ (ग.प.) ९३ एगट्ठियाणि तिण्णि उ (आ.नि.)१२९ एगसमयाइसिद्धत्तणेण (विशे.) २१५४ एगो काओ दुहा जाओ (आ.नि.)१४४४ एगत्तं च पुहुत्तं च, (उत्त.) १०५५ एगस्स उ जंगहणं बहूण (आचा.) १३७ एगोगाढग्गहणे
(विशे.) ६८३ एगत्तमेयं अभिपत्तएज्जा, ___ (सूत्र.) ४८४ एगस्स खीरभोअणहेऊ (उ.नि.) ३०० एगोगाढे भणिए (विशे.) ६८० एगत्ते जह मुढेि करेइ (आ.नि.)१०३६ एगस्स जहन्नेणं (विशे.) ४३७ एगो च्चिय देसिज्जइ (विशे.) २२८३ एगत्तेण पुहुत्तेणं, (उत्त.) १३६६ एगस्स दुण्ह तिण्ह य (आचा.) १४२ एगो दवस्स भागो अवट्ठितो (पि.नि.) ६५३ एगत्तेण य साईया, अपज्ज- (उत्त.) १४२० एगस्स दोण्ह तिण्ह व (प्रज्ञा.) १०३ एगो पडइ पासेणं, निवेसइ (उत्त.) १.०३० एगत्ते नणु दव्वं गुणो (विशे.) २६५६ एगस्स माणजुत्तं न उ (पि.नि.) ३२८ एगो भगवं वीरो पासो (आ.नि.)२२४ एगत्ते नत्थि सुही (विशे.) १५८५ एगाइ गिराऽणेगे संदेहे (च.प.) १९ एगो भयवं वीरो तित्तीसाइ (आ.नि.)३०८. एगत्ते सव्वगयत्तउ (विशे.) १५८४ एगा एगगुणाणं (विशे.) ६५१ एगो मंगलमेगं (विशे.) ३१ . एगत्थ होइ भत्तं बिइयम्मि (ओघ.) २५२ एगागि गिलाणम्मि उ (ओघ.) ७३ एगो मूलंपि हारित्ता, (उत्त.) १९२ एगत्थोभयगहणं (विशे.) ३५७६ एगागिसमुद्दिसगा भुत्ता (ओघ.) भा.१०३ एगो मे सासओ अप्पा, (आ.प.) २६ एगदिसमाइसमए (विशे.) ३९५ एगा जोअणकोडी (आ.नि.)९६२ एगो व अणेगो वा दुविहा (ओघ.) ६ एगदुगतिगचउक्कगपंच- (ओघ.) ३१६ एगा जोयणकोडी बाणउतिं (जीवा.) ३९ एगो वच्चइ जीवो, एगो (आ.प.) २५ एगनिक्खमणं चेव, (आ.नि.)१२०४ एगा जोयणकोडी बायालीसं (दे.प.) २७६ एगो वाऽवाओच्चिय (विशे.) २७१ एगन्तरत्ते रुइरंसि (उत्त.) १२१८ एगाणियस्स दोसा इत्थी (ओघ.) ४१३ एगो विमाणवासी जाओ (म.प.) ५२२
(उत्त.) १२०५ एगादओ पएसा० (विशे.) २३३६ एगो सयंकडाई आया (म.प.) २१८ एगन्तरत्ते रुइरे रसम्मि (उत्त.) १२०२ एगादेगुत्तरया छगच्छ- (विशे.) ९४२ एतं किसिं कसित्ताणं (इसि.) २६१६ एगपएऽणेगाई पदाई जो (प्रज्ञा.) १२६ एगा परमाणूणं (विशे.) ६३३ एताई अकुव्वंतो जहारिहं (आ.नि.)११२९ एगपएसोगाढं
(विशे.) ६७५ एगा य होइ रयणी (प्रज्ञा.) १६५ एताणि सोच्चा णरगाणि (सूत्र.) ३५० एगपएसोगाढं परमोही (आ.नि.)४४ एगा य होइ रयणी अट्ठव (आ.नि.)९७३ एताणुवीति मेधावी, (सूत्र.) ७२ एगपएसोगाढं पेच्छइ (विशे.) ६७६ एगावि सा समत्था जिणभत्ती (भ.प.) ७१ एते अकारणा संजयस्स (ओघ.) १२१ एगपएसोगाढाणं पर- (विशे.) ६४७ एगा समयठिईणं (विशे.) ६५० एते उ अणाएसा अंधारे (ओघ.) २७१ एगपएसोगाढे भणिए (विशे.) ६७८ एगा हिरण्णकोडी अद्वैव (आ.नि.)२१७ एते उ तउ आयाणा, (सूत्र.) ५४ एगपणअद्धमासं सट्ठी (ओघ.) १६६ एगा हिरण्णकोडी अटेव (आ.नि.) भा.८२ एते ओघं तरिस्संति, (सूत्र.) २४२
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