________________
संगहियपिडियत्थं संगह--
संति एगेहि भिक्खूहि, संगहियपिडियत्थं संगह- (आ.नि.)७५६ संजमजोए अब्भुट्ठियस्स (आ.नि.)६८१ संठाणपरिणया जे (उत्त.) १३७६ संगहियमागहीयं (विशे.) २२०४ संजमजोए अब्भुट्ठियस्स (आ.नि.)६८२ संठियम्मि भवे लाभो, (ओघ.) ६८८ संगहोवग्गहं विहिणा, (ग.प.) १५ संजमजोएसु सया जे । (आ.नि.)११७० संडासंगं च फणिहं (सूत्र.) २८८ संगाणं च परिण्णा, (आ.नि.)१२७८ संजमजोगविसन्ना मरंति (उ.नि.) २१७ संडास पमज्जित्ता पुणोवि (ओघ.) भा.१५५ संगाणं च परिण्णाया (सम.) ५९ संजमठाणाणं कंडगाण (पि.नि.) ९९ संडिय मंतिय होत्तिय (प्रज्ञा.) ३७ संगाम अत्थि भेओ मरणं (उ.नि.) ३५६ संजमतवतुंबारयस्स नमो (नन्दी ) ५ संतंपि तमण्णाणं (विशे.) ११५३ संगार बीय वसही तइए (ओघ.) १७७ संजमतवोमई जं (विशे.) ११७४ संतई पप्पऽणाईआ (उत्त.) १४५६ संगारो नाम रसो रति- (अनु.) ६६ संजमहेउं देहो धारिज्जइ- (ओघ.) ४८ संतई पप्पऽणाईया, (उत्त.) १४३४ संगारो रायणिए आलोयण (ओघ.) भा.२२ संजमहेउं लेवो न विभूसाए (ओघ.) ४०५ संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १४४२ संगो एस मणुस्साणं, (उत्त.) ६४ संजमे सुट्ठिअप्पाणं, (द.वै.) १७ संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १४६७ संगो (प० गंथो) महाभय (भ.प.) १३३ संजयअसंजय मीसगा (प्रज्ञा.) २२२ संतई पप्पणाईया (उत्त.) १४७६ संघट्टइत्ता काएणं, (द.वै.) ४३३ संजयगिहितदुभय भद्दिआ (ओघ.) भा.१७ संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १४९५ संघयणं संठाणं उच्चतं (त.प.) ५० संजयनामं गोयं वेयंतो (उ.नि.) ३९४ संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १५०५ संघयणं संठाणं उच्चत्तं (आ.नि.)१६० संजयभद्दा तेणा आयंती (पि.नि.) ३७५ संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १५१४ संघयणधिईजुत्तो नवदस- (म.प.) ५२५ संजयवेमाणित्थी संजय (आ.नि.) भा.११६ संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १५२९ संघयण रूव संठाण वण्ण (आ.नि.)५७१ संजलणाईण समो (विशे.) १२९० संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १५३८ संघाइमेअरो वा सव्वोवेसो (ओघ.) प्र./२७ संजाणंतो भणई जयघोसं (उ.नि.) ४७९ संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १५४४ संघाडगअग्गहणे दोसा (ओघ.) भा.२१९ संजायलित्तभत्ते गोट्ठिग- (पि.नि.) २४६ संतई पप्पऽणाईया (उत्त.) १५५३ संघाडगरायणिओ अलद्धि (ओघ.) भा.२२३ संजुत्तगसंजोगो (उ.नि.) ३१ संतई पप्पऽणाईया, (उत्त.) १५७२ संघाडगसंजोगो आगंतुग- (ओघ.) २१७ संजुत्तासंजुत्ताण (विशे.) ४४५ संतई पप्प तेऽणाई, (उत्त.) १३६७ संघाडीओ पवेसिस्सामो (आ.) ७८ संजोए जो विहाणं तु (इसि.) ११८ संतई पप्पाऽणाईया (उत्त.) १४८६ संघाडेगो ठवणाकुलेसु (ओघ.) भा.१३७ संजोगमूला जीवेणं, (आ.प.) २७ संतच्छणं नाम महाहितावं, (सूत्र.) ३१३ संघायंतरकालो (विशे.) ३३२६ संजोगमूला जीवेण, पत्ता (महा.) १७ संततं बंधए कम्म (इसि.) ९।१३ संघायंतर समओ (विशे.) ३३३६ संजोगसिद्धीइ फलं (आ.नि.)१०२ संतत्ता केसलोएणं, (सूत्र.) १७७ संघायणपरिसाडण (विशे.) ३३१६ संजोगसिद्धीइ फलं (विशे.) ११६५ संतत्ति विज्जमाणं (विशे.) ४०७ संघायणपरिसाडणउभयं (उ.नि.) १९२ संजोगाण दसण्ह भंगसयं (आ.नि.)प्र. २२ संतपयं पडिवन्ने पडि- (आ.नि.)८९६ संघायणपरिसाडो जहन्नओ (आ.नि.) भा.१६८ संजोगा विप्पमुक्कस्स, (उत्त.) १ संतपयपरुवणया जाव (अनु.) ११ संघायणा य परिसाडणा (उ.नि.) १९४ संजोगा विप्पमुक्कस्स, (उत्त.) ३०९ संतपयपरुवणया जाव (अनु.) १५ संघायणे य परिसाडणा य (सू.नि.) ७ संजोगे निक्खेवो (उ.नि.) ३० संतपयपरूवणया (विशे.) ४०६ संघायभेअतदुभयकरणं ' (आ.नि.) भा.१५५ संजोगे सोलसगं सत्त य (आचा.)२० संतपयपरूवणया (विशे.) २९१८ संघायमेगसमयं तहेव (आ.नि.) भा.१६३ संजोयणाइयाणं (विशे.) १२९४ संतपयपरूवणया (आ.नि.)१३ संघो सइंदयाणं सदेवमणुअ- (सं.प.) ११९ संजोयणा उ भावे (पि.नि.) ६३९ संतपयपरूवणया जाव (अनु.) १० संघो सम्मावाई (विशे.) २५४८ संज्झागयम्मि कलहो (गणि.) १८ संतपयपरूवणया दव्व (अनु.) ८ संचर कुंथुद्देहिअलूयावेहे (ओघ.) ३२४ संझागयं रविगयं (विशे.) ३४०९ संतपयपरूवणया दव्व- (अनु.) ९ संचारगा चउद्दिसि पुदिव (ओघ.) भा.१८६ संझागयरविगयं विड्डेरं- (गणि.) १५ संतपयपरूवणया दव्व- (आ.नि.)८९५ संचारिमा य चुल्ली बर्हि व (पि.नि.) ३०० संझागयं राहुगयं (गणि.) २० संतमेतं इमं कम्म (इसि.) १३५ संजओ अहमस्सीति, भगवं ! (उत्त.) ५३९ संझासु दोसु सूरो अदिस्स- (आ.नि.)१४४१ संतस्स करणं णत्थि (इसि.) १३।४ संजओ चइउं रज्जं, (उत्त.) ५४८ संठवणमणेगविहं । (विशे.) ३३१५ संताणओ अणाइ (विशे.) ३०३३ संजओ नाम नामेणं, (उत्त.) ५५१ संठाणं च पमाणं वहति (जंबू.) १२२ संताणिणो न भिण्णो (विशे.) २३९८ संजमआयविराहण नाणे (ओघ.) १२३ संठाणं बाहल्लं पोहत्तं . (प्रज्ञा.) २०२
.
संताणोऽणाई उ परो- (विशे.) १६६५ संजमओ छक्काया आया- (ओघ.) भा.६७ संठाण अद्द पुस्सो (जंबू.) १०१ संताणोऽणाई उ परो- (विशे.) १६३९ संजमखेत्तचुयाणं (द.नि.) ११४ संठाणओ च चउरंसे, (उत्त.) १४०० संताणोऽणाईओ परो- (विशे.) १८१३ संजमघाउवघाए सादिव्वे (आ.नि.)१३२३ संठाणओ भवे तंसे, (उत्त.) १३९९ संता तित्थयरगुणा तित्थ- (आ.नि.)११३२ संजमजीवियमिसिणं (विशे.) ३५१४ संठाणओ भवे वट्टे, (उत्त.) १३९८ संति एगेहि भिक्खूहि, (उत्त.) १४७
१०७