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पढमो य कुमारत्ते भागो
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परपक्खो उ गिहत्था समणा पढमो य कुमारते भागो (आ.नि.)१६४ पत्तं पत्ताबंधो पायट्ठवणं (ओघ.) ६७५ पन्नत्तिजंबुदीवे (विशे.) १३९९ पढमो रूवागारं (विशे.) १४२६ पत्तं पमज्जिऊणं अंतो (ओघ.) २९५ पन्नरसइभागेण य चंदं (जीवा.) ६९ पढमोवएसगहणं (विशे.) ३२१७ पत्तं विचित्तविरसं दुक्खं (म.प.) ५६४ पन्नरसइभागेण य चंदं (दे.प.) १४५ पढमो सोहम्मवई ईसाणवई (दे.प.) १६३ पत्तउर सीयउरए हवंति (प्रज्ञा.) २३ पनवण वेद रागे कप्प (भग.) ९५ पढिए कहिए अहिगय (द.वै.) प्र./३ पत्तट्ठवणं तह गुच्छओ (ओघ.) ६९५ पन्नवणा ठाणाई बहु- (प्रज्ञा.) ६ पणओ थिबुयागारो (विशे.) ७०५ पत्तलदुमसालगया दच्छामु (पि.नि.) २१४ पन्नवणिज्जा भावा (विशे.) १४१ पणतीसा तीसा पुण (आ.नि.)३९३ पत्तस्स उ पडिलेहा (ओघ.) ४७९ पन्नान्नाणपरिसहा णाणा- (उ.नि.) ७४ पणपण्णगस्स हाणी आरेणं (ओघ.) १६४ पत्तस्स मम य अन्नेसि (इसि.) ३६।२ पन्नामयं चेव तवोमयं (सूत्र.) ५७१ पणपण्णाय परेणं जोणी (त.प.) १३ पत्ताइगयं सुत्तं (विशे.) ८७८ पन्नासयस्स चक्टुं हायइ (त.प.) ४३ पणय चउक्कं च तिगं दुगं (आ.नि.)१५६० पत्ताइगयं सुयकारणं (विशे.) १२४ पप्फोडियकलिकलुसा (दे.प.) २२३ पणया पच्चंतनिव्वा (आ.नि.)१०९० पत्ता उत्तमपुरिसा कल्लाण- (सं.प.) १९ पभवो सच्चित्ताओ (विशे.) १५३५ पणयाल सयसहस्सा, (उत्त.) ३१४१ पत्ताण खेत्त जयणा (ओघ.) २३७ पभू अन्नयरो इंदो जंबुद्दीव- (दे.प.) ६४ पणयालीसं आयामवित्थडा (दे.प.) २७५ पत्ताणि दुहसयाई संजोग- (म.प.) २१९ पभूदोसे निराकिच्चा (सूत्र.) ५०८ पणयालीसा बारस (उ.नि.) ४१ पत्ताबंधपमाणं भाणपमाणेण (ओघ.) ६९४ पभूयरयणो राया सेणिओ (उत्त.) ६८२ पणवीसं तु सहस्सा (आ.नि.)२७३ पत्तिधणस्स वण्हिस्स (इसि.) १५।२९ पमाण काले आवस्सए (ओघ.) ४१२ पणवीसजोयणाई (विशे.) ७०१ पत्तेअंकसिणे आया, (सूत्र.) ११ पमायं कम्ममाहंसु, (सूत्र.) ४१३ पणवीसऽट्ठारस बारसेव (जंबू.) ५१ पत्तेण अपत्तेण य पत्ताणि (च.प.) ४३ पम्हे सुपम्हे महापम्हे (जंबू.) ६१ पणवीसमद्धतेरस (आ.नि.)१५३२ पत्तेयं पत्तेयं नियगं (म.प.) ५८६ पयंडस्स णरिंदस्स (इसि.) ४५।३५ पणवीससहस्साई पुव्वाणं (आ.नि.)२८६ पत्ते य पउरलंभे भुत्तव्व- (पि.नि.) ६४० पयइकुडिलम्मि कत्थइ (म.प.) ५६२ पणवीस सागराऊ, उक्कोसेण (उत्त.) १५९० पत्तेयबुद्धकरणे चरणं (आ.नि.)११५१ पयइत्ति नमोक्कारो (विशे.) २९३५ पणवीसा[आवस्सग] परि- (आ.नि.)१२०६ पत्तेयबुद्ध जिणकप्पिया (ओघ.) १२६ पयईइ अगारेण य (विशे.) २९३४ पणवीसा भावणाहिं च, (उत्त.) ११३३ पत्तेयबुद्ध निण्हव उवासए (पि.नि.) १५८ पयखीरुच्छुरसेसु य (म.प.) २५३ पणिहाणजोगजुत्तो पंचहि (दश.) १८५ पत्तेयमक्खराई, अक्ख- (आ.नि.)१७ पयडित्ति जो तदंसो (विशे.) ४५० पणीयं भत्तपाणं च, (उत्त.) ४९८ पत्तेयमक्खराइं अक्खर (विशे.) ४४४ पयडीणं भेय ठिई बंधो- (भग.) प्र.७ पण्णं पुव्वसहस्सा कुमार- (आ.नि.)२८५ पत्तेयमभावाओ (विशे.) १६५२ पयणं पसत्तमेवं
(विशे.) १८५६ पण्णरसइभागेण य चंदं (सूर्य.) ७५ पत्तेयमभावाओ (विशे.) ११६३ पयणुक्कोहमाणो य, (उत्त.) १२९२ पण्णरस दस धणूणि य, (आ.नि.)३८० पत्तेयवंदणमिओ (विशे.) १०५५ पयत्तपक्कत्ति व पक्कमालवे, (द.वै.) ३१९ , पण्णरस सतसहस्सा (सूर्य.) ३४ पत्तेयविमाणाणं देवीणं (दे.प.) २२० पयमत्थवायगं जोयगं (विशे.) १००३ पण्णरस सयसहस्सा (आ.नि.)२७९ पत्तेयसरीरा उ, गहा __(उत्त.) १४४९ पयरमसंखिज्जंगुल० (विशे.) ५९० . पण्णरस सयसहस्सा (आ.नि.)२८९ पत्तेया पज्जत्ता पयरस्स (प्रज्ञा.) १०६ पयलायंत सुसुत्तो नेव (आ.नि.)१४८१ पण्णरससु अज्झयणेसु (सू.नि.) १४० पत्तेया पज्जत्ता सेढीएँ (आचा.) १३४ पयलाय पडिपुच्छइ । (आ.नि.)१५४३ पण्णरसि माहबहुले (आ.नि.)२४६ पत्तेयावरणत्तं
(विशे.) ३०९३ पयवक्कपगरणज्झाय० (विशे.) १११५ पण्णवओ जदभिमुहो (विशे.) २७०२ पत्तेया साहारण बायरजीवा (आचा.) १२८ पयसमदुगअब्भासे माणं (पि.नि.) ५५५ पण्णवगदिसट्ठारस (आचा.)६१ पत्ते वसंतमासे आमोअ (आ.नि.)१३१५ पयहित्तु सिणेहबंधणं (इसि.) २७३ पण्णवगदिसाए पुण (आचा.)६२ पत्तेसुवि एएसुं मोहस्सुदएण (म.प.) ६३४ पयाता सूरा रणसीसे, (सूत्र.) १६६ पण्णवण वेय रागे कप्प (उ.नि.) ४२४ पत्थंति भावाओ कामे (इसि.) २८५ पयावई य बंभो सोमो (सम.) १२५ पण्णवणिज्जा भावा (विशे.) १४१- पत्थरेणाऽऽहतो कीवो (इसि.) १५।२४ पयावती च बंभे य, रोद्दे (स्था.) १०९ पण्णवणिज्जा भावा (विशे.) ४८८ पत्थादओवि तक्का० (विशे.) २२४५ परं णवग्गहाभावा सुही (इसि.) ९।३४ पण्णसमत्ते सया जए (सूत्र.) ११६ पत्थेण व कुडवेण व (आचा.) १४४ परओ सयं व लाभो (विशे.) २८३२ पण्णा छायालीसा (आ.नि.)६५० पत्थेण व कुडवेण व जह (आचा.) ८७ परओ सवणमहिगमो (विशे.) २८३० पण्णावीसं जोयणसयाई (दे.प.) २५६ पत्थेण व कुलएण व (दश.) भा.५७ परकम्मअ(म) त्तकम्मीकरेइ (पि.नि.) १०८ पण्णासंगुलदीहो सोलस (जंबू.) १८ पदमावती य गोरी गंधारी (अन्त.) ५ परतित्थियगहपहनासगस्स (नन्दी) १० पत्तं च मग्गमाणे हवेज्ज (ओघ.) ३२८ पनरस तीसइविहा, (उत्त.) १५५१ परपक्खेविय दुविहं (ओघ.) ३०० पत्तं पत्ताबंधो पायट्ठवणं (ओघ.) ६६९ पन्नं जहा वणिए उदयट्ठी, (सूत्र.) ६८७ परपक्खो उ गिहत्था समणा (पि.नि.) १७७
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