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[७०] १६ त्रसकाय तथा काययोगने चारे गतिनी अनुपूर्वी ४. १८ पुरुषवेद अने स्त्रीवेदने नरकनी अनुपूर्वी विना ३. १९ नपुंसकवेदने देवतानी अनुपूर्वी विना ३. २५ क्रोध, मान, माया, लोभ, मतिज्ञान तया श्रुतज्ञानने चारे गतिनी अनुपूर्वी ४. २६ अवधिज्ञानने पण चारे गतिनी अनुपूर्वी ४. परंतु तिर्यचनी न होय तो ३. २८ मतिअज्ञान तथा श्रुतअज्ञानने चारे गतिनी अनुपूर्वी ४. २९ विभंग ज्ञानने पण ४. विशेष एटलो के मनुष्य अने तिर्यचनी अनुपूर्वी न होय तो २. ३० अविरतिने पण ४. ३१ अचक्षु दर्शनने ४. ३२ अवधि दर्शनने ३ अथवा ४. ३५ कृष्ण, नील अने कापोत लेश्यावंतने ४. ३८ तेजो, पद्म अने शुक्ल लेश्यावंतने नरकनी अनुपूर्वी विना ३. ४० भव्य तथा अभव्यने ४. ४१ उपशभ समकितने उपशम श्रेणीना मरीने देवगतिमां जाय त्यारे १ देवगतिनी अनु
पूर्वी होय अथवा न होय. ४३ क्षायिक अने क्षयोपशमने ४. ४४ सास्वादनने नरकनी अनुपूर्वी विना ३. ४६ मिथ्यात्वीने तथा सहीने ४. ४७ असंज्ञीने देव अने नारकीनी बे अनुपूर्वी विना २. ४८ अनाहारीने ४. ६२ मनयोग, वचनयोग, मनःपर्यवज्ञान, केवळज्ञान, सामायिक, छेदोपस्थापनीय, परि
हारविशुद्धि, सूक्ष्मसंपराय, यथाख्यात, देशविरति, चक्षुदर्शन, केवळदर्शन, मिश्र, अने आहारी आ १४ मार्गणाए अनुपूर्वी न होय.
भवविपाकी आयुष्य ४ नो उदय. ४ चारे गतिमा पोत पोतानुं आयु होय. ८ एकेंद्रिय, द्वींद्रिय, त्रींद्रिय अने चतुरिँद्रियने १ तिर्यंचन आयु. ९ पंचेंद्रियने चारे गतिर्नु आयु ४. १४ पृथ्वी, अप, तेज, वायु अने वनस्पतिने तिर्यंचायु १. १८ त्रसकाय, मनयोग, वचनयोग अने काययोगने आयु ४. २० पुरुषवेद अने स्त्रीवेदने नरकायु विना ३.