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________________ [५६] चोथो कर्मग्रन्थ भावप्रकरण. भाव पांच छै.-औपशमिकभाव, क्षायिकभाव, शायोपशमिकभाव, औदयिकभाव तथा पारिणामिक भाव.. . १ औषशमिकभावना बे भेद छे.-औपशमिकसम्यक्त्व तथा औपशमिकचारित्र. २ क्षायिकभावना नव भेद छे. केवलज्ञान, केवलदर्शन, क्षायिकसम्यक्त्व, दानलब्धि, लाभलब्धि, भोगलब्धि, उपभोगलब्धि, वीर्यलब्धि, तथा क्षायिकचारित्र. : . ३ क्षायोपशमिकभावना अढार भेद छे. केवलज्ञान अने केवलदर्शन विना चार ज्ञान, त्रण अज्ञान, त्रण दर्शन, दानादिक पांच लब्धि, क्षायोपशमिकसम्यक्त्व, सर्वविरति तथा देशविरति. ४ औदयिकभावना एकवीश भेद छे.-अज्ञान, असिद्धता, असंयम, छ लेश्या, चार कषाय, चार गति, त्रण वेद, तथा मिथ्यात्व.. - ५ पारिणामिकभावना त्रण भेद छे. भव्यपणु, अभव्यपणुं, तथा जीवत्व. सान्निपातिकना भेद २६ नुं निवारण.. द्विकसंयोगी भांगा १० ..त्रिकसंयोगी भांगा १० १ औपशभिक क्षायिक १ औपशमिक क्षायिक क्षायोपशमिक "२ औपशमिक मिश्र · २ औपशमिक क्षायिक औदयिक ३ औपशमिक औदयिक ३ औपशभिक क्षायिक पारिणामिक . ४ औपशमिक पारिणामिक ४ औपशमिक मिश्र औदयिक. ५ क्षायिक मिश्र ५ औपशमिक मिश्र पारिणामिक ६ क्षायिक औदयिक ६ औपशमिक औदयिक परिणामिक ७ क्षायिक पारिणामिक ७ क्षायिक मिश्र औदयिक ८ मिश्र औदयिक ८ क्षायिक मिश्र पारिणामिक " ९ मिश्र पारिणामिक ९क्षायिक औदयिक पारिणामिक ; . १० औदयिक पारिणामिक १० मिश्र औदयिक पारिणामिक । चतुःसंयोगी भांगो ५. १ औपशमिक... क्षायिक क्षायोपशमिक , औदयिक ... २ औपशमिक क्षायिक क्षायोपशमिक पारिणामिक ३ औपशमिक .. क्षायिक औदयिक पारिणामिक ४ औपशमिक मिश्र औदयिक पारिणामिक ५ क्षायिक मिश्र औदयिक ..... पारिणामिक ... १ मिश्र शब्दे क्षायोपशमिक भाव जाणवो.
SR No.002417
Book TitleYantrapurvak Karmadi Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Mahila Mandal
PublisherJain Mahila Mandal
Publication Year1932
Total Pages312
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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