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________________ ... हवे पांच स्थावरना संयोगी भांगा कहे छ.--- एक संयोगी भांगा ५ त्रिक संयोगी भांगा १०० १ पृथ्वी १ पृथ्वी अप् तेज *२ अप् २ पृथ्वी अपं वायु ३ तेज ३ पृथ्वी अप वनस्पति '४ वायु ४ पृथ्वी तेज वायु .५ वनस्पति .५ पृथ्वी तेज वनस्पति द्विक संयोगी भांगा १० ६ पृथ्वी वायु वनस्पति १ पृथ्वी अप ७ अप् तेज वायु २ पृथ्वी तेज ८ अप् तेज वनस्पति ३ पृथ्वी वायु ९ अप् वायु वनस्पति ४ पृथ्वी वनस्पति १० तेज वायु वनस्पति ५ अप तेज - चतुः संयोगी भांगा ५. ६ अप् वायु १ पृथ्वी अप तेज वायु ७ अप् वनस्पति २ पृथ्वी अप् तेज वनस्पति ८ तेज वायु ३ पृथ्वी अप वायु वनस्पति • ९ तेज वनस्पति ४ पृथ्वी तेज वायु वनस्पति १० वायु वनस्पति ५ अप् तेज वायु वनस्पति पंच संयोगी भांगो १.. १ पृथ्वी अप् तेज वायु वनस्पति. हवे पांचमे गुणस्थाने एक जीव आश्री जघन्यथी ८ बंध हेतु अने उत्कृष्टथी १४ ___ हेतुना विकल्प ७ थाय. तेना भांगा १६३६८० थाय. केम जे त्रस विना एक संयोगी भांगा ५, द्विक संयोगी भांगा १०, त्रिक संयोगी भांगा १०, चतुःसंयोगी भांगा ५, पंचसंयोगी भांगो १ तेनु कोष्टक उपर प्रमाणे जाणवू. बंध हेतु आ प्रमाणे. ८-९-१०-११-१२-१३-१४... जघन्यथी काय १, इंद्रिय १, कषाय २, युगलनी २, वेद १, योग १. एम जघन्य ८ बंध हेतुनो विकल्प एकज छे, तेना भांगा ६६००. काय ५ १५० . इंद्रिय.. ५ कषाय , ४ . युगल २ योग ११ ६६००
SR No.002417
Book TitleYantrapurvak Karmadi Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Mahila Mandal
PublisherJain Mahila Mandal
Publication Year1932
Total Pages312
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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