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________________ [३२] थाख्याती संख्यातगुणा ३ | तेथी छेदोपस्थापनीय संख्यातगुणा ४ | तेथी सामायिक चाrat संख्यातगुणा ५ | तेथी संयत विशेषाधिक ६ । तेथी संयतासंयत असंख्यातगुणा ७ | तेथी नोसंयत नोअसंयत नोसंयतासंयत अनंतगुणा ८ | तेथी असंयत अनंतगुणा ९ । जीवस्थान गुणस्थान योग उपयोग लेश्या १४ १४ १५ १४ १४ १५ ७९ साकारोपयुक्तमा ८० अनाकारोपयुक्तमां सर्वथी थोडा अनाकारोपयुक्त १ | तेथी साकारोपयुक्त संख्यातगुणा २ ॥ जीवस्थान गुणस्थान योग १४ ८१ आहारकमां ८२ अनाहारकमां ८३ भाषकमां अभाषकमां ८४ सर्वथी थोडा अनाहारक १ | तेथी आहारक असंख्यातगुणा २ ॥ जीवस्थान गुणस्थान योग ५ १३ १३ सर्व थोडा भाषक १ | तेथी अभाषक अनंतगुणा २ ॥ ८५ परित्तमां अपरित्तमां ८६ ८७ नोपरित नोअपरित्तमां ८ १४ १४ ० ९१ सूक्ष्ममां ९२ बादरमां ९३ नोसूक्ष्म नोबादरमां उपयोग लेश्या १३ १५ १२ ६ १०. जीवस्थान गुणस्थान योग १४ १५ १ १३ १२ ६ १२ ६ उपयोग लेश्या १२ ६. १० उपयोग लेश्या १२ ६ सर्वथी थोडा परित १ | तेथी नोपरित नोअपरित अनंतगुणा २ | तेथी अपरित अनंतगुणा ३ ॥ परित एटले अल्प संसारी, अपरित्त - बहुलसंसारी, नोपरित नोअपरित ते सिद्ध जाणवा ॥ जीवस्थान गुणस्थान योग उपयोग लेश्या १४ १५ १२ ७ ६ ८८ पर्याप्तामां ८९ अपर्याप्तामां ९० नोपर्याप्त नोअपर्याप्तामां सर्वथा थोडा नीपर्याप्ता नोअपर्याप्ता १ | तेथी अपर्याप्ता अनंतगुणा २ | तेथी पर्याप्ता ० ० ० संख्यातगुणा ३ ॥ जीवस्थान गुणस्थान योग उपयोय लेश्या २ १ ३ ३ १२ १४ १२ m wo ३
SR No.002417
Book TitleYantrapurvak Karmadi Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Mahila Mandal
PublisherJain Mahila Mandal
Publication Year1932
Total Pages312
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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