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मार्गणा
कायस्थिति
ज्ञानवग्णी दर्शनावरणीयना भंग २ भंग ११ -१३
"वेदनीयना भंग ८ आयुना भंग २८
गोत्रकर्मना अंतराय कर्मना भांगा ७ मांगा २
जघन्य
उत्कृष्ट
४
१)नरंकंगति २/देवगति ३ मनुष्यगति
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११-१३
४ तिर्यचगति ५/एकेंद्रिय ६द्वन्द्रिय ७त्रीन्द्रिय ८ चतुरिन्द्रिय | ९पंचेंद्रिय १०पृथ्वीकार्य ११ अपकाय १२ तेजस्काय १३ वायुवाय १४ वनस्पतिकाय १५त्रसकाय
०००००००००००
१०००० वर्ष-३३ सागपम १०००० वर्ष-३३ सागगेपम अंतर्मुहूर्त-त्रण पल्योपम पूर्वकोटी पृथक्त्व
२ अधिक अंतहत - अनंतकाळ, अनंता पुद्गल परावर्त १ अंत हर्त-अनंत पुद्गल पागवत भत हर्त संख्याता हजार वर्ष अंत हत-संख्याता हजार वर्ष अंत दर्त-संख्याता हजार वर्ष अंतमहत-हजार सागगेपम साधिक अंतर्महूर्त-असंख्गात काळ अंतर्भहत असंख्यात काळ अंतर्भरत-असंख्यात काळ अंत हर्त-असंख्यात काळ अंत हर्त-अनंत पुल पगवर्त अंतर्मुहर्त-बे हजार सागगेपम असंख्याता वर्ष २
अधिक एक समय अंतर्महर्त एक समय-अंतमहतं अंतर्महूर्त-अनंतोकाळ
महत-पृथक्त्व १०० सागगेपम एक समय-एकसो दश पल्योपम पूर्वकोटी पृ.
१ . थकव अधिक एक समय अनंतकाळ
११-१३
००००००००००
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११-१३
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१६मनोयोग १७/वचनयोग १८ काययोग १९ पुरुषवेद २०स्त्रीवेद
११-१३ ११-१३ ११-१३
७
-८
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२१ नपुंसकवेद
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